राजस्थान में कॉन्ग्रेसी विधायकों ने मोहब्बत की दुकान खोल दी है। हालाँकि, इसमें मिठाई की जगह लात और घूंसे मिल रहे हैं। ताजा मामला कॉन्ग्रेस विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा से जुड़ा हुआ है। हाल ही में अशोक गहलोत की कैबिनेट से बर्खास्त किए गए गुढ़ा के साथ राजस्थान विधानसभा में मारपीट हुई है।
गुढ़ा को पहले विधानसभा से निकाल दिया गया और बाद में उन्हें विधानसभा के भीतर आने से रोकने के लिए मारपीट की गई। गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान विधानसभा में चर्चा के दौरान गुढ़ा ने यह कह दिया था कि हम अपने राज्य में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध नहीं रोक पा रहे हैं तो हमें मणिपुर की बात नहीं करनी चाहिए।
इसके पश्चात गुढ़ा को गहलोत कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था। गुढ़ा और कॉन्ग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग इसके बाद से जारी है। गुढ़ा ने मंत्रिपद से हटाए जाने के बाद यह बयान दिया था कि जब कॉन्ग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौर के यहाँ छापा पड़ा था तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे कहा था कि वहां रखी लाल डायरी किसी भी कीमत पर मुझे चाहिए। मैंने वो डायरी सीआरपीएफ जवानों के बीच जाकर दी थी। अगर राजेन्द्र गुढ़ा वह डायरी नहीं लाता तो आप मुख्यमंत्री नहीं होते।
राजेन्द्र गुढ़ा आज ऐसी ही एक लाल डायरी लेकर राजस्थान विधानसभा पहुंचे थे जिसे वह हवा में लहराते हुए विधासनभा अध्यक्ष सीपी जोशी के सामने पहुंचे। सीपी जोशी से वह इस डायरी को देखने की मांग कर रहे थे। सीपी जोशी ने उनकी मांग को अस्वीकार करते हुए विधानसभा के मार्शलों से उन्हें धक्के देकर बाहर करवा दिया।
राजेन्द्र गुढ़ा ने जब दोबारा अंदर घुसने की कोशिश की तो उन्हें फिर से रोक दिया गया। गुढ़ा ने इस पर कहा कि मेरे साथ मारपीट की गई और 40-50 लोगों ने मुझे घेरा। मुझे दोबारा विधानसभा में घुसने भी नहीं दिया गया और मेरे हाथ से डायरी भी जबरदस्ती छीन ली गई।
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राजेन्द्र सिंह गुढ़ा गहलोत की सरकार में होम गार्ड और सिविल डिफेन्स मामलों के राज्य मंत्री थे। वह 2018 में बहुजन समाज पार्टी से चुनाव जीते थे जिसके बाद वह अन्य विधायकों के साथ कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए थे। गुढ़ा को वर्ष 2021 में राजस्थान सरकार में मंत्री बनाया गया था। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने गूढ़ा के साथ मारपीट पर कहा है, “लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामों का चिट्ठा है। जो राजेन्द्र गुढ़ा कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री जी के आंखों के तारे थे आज वो ही उनके लिए आंखों की किरकिरी बन गए हैं। विधायक विधानसभा में नहीं बोलेगा तो फिर कहां बोलेगा?”
उन्होंने आगे कहा, “जब चुने हुए प्रतिनिधि को लोकतंत्र के मंदिर में ही जाने नहीं दिया जा रहा है, उनकी आवाज दबाई जा रही है तो जनता के विरोध की आवाज के साथ क्या सलूक किया जाएगा यह भली-भांति समझा जा सकता है। प्रदेश जानना चाहता है, लाल डायरी का सच क्या है?”
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