“राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, ऐसे में हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।”
कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।
बर्खास्तगी के बाद गुढ़ा ने कहा कि “राजस्थान महिला अत्याचार में नंबर वन है और यह कारनामा गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुआ है। यह सच है और मुझे सच बोलने की सजा मिली है। गहलोत का मैंने साथ दिया, लेकिन आगे इस आदमी का साथ देने से पहले सौ बार सोचूंगा।”
वे आगे कहते हैं कि “मुझे मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दें या फिर जेल में डाल दें, मैं जब तक जिंदा रहूंगा बोलता रहूंगा। किसी भी व्यक्ति के अन्दर खौफ नहीं है, आज ये स्थिति है… राज्य में पुलिस भ्रष्ट है, वे लोगों से रिश्वत लेने में व्यस्त हैं।”
अब राजस्थान के ही एक और मंत्री कहते हैं, “रेप के मामले में हम नम्बर एक पर हैं, इसमें कोई दो राय नहीं। अब रेप में क्यों हैं? कहीं न कहीं गलती है। वैसे भी यह राजस्थान तो मर्दों का प्रदेश रहा है।”
यह बयान राजस्थान के स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शान्ती कुमार धारीवाल राज्य की विधानसभा में देते हैं। इस बयान के साथ ही विधानसभा में अन्य कांग्रेसी विधायक ठहाके लगाते हैं।
आप सोचिए, सरकार के एक मंत्री राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितने संवदेनहीन हैं कि भरी विधानसभा में अपनी मर्दानगी का दम्भ भरते हुए ठहाके लगा रहे हैं।
अब सवाल यह है कि एक मंत्री जो बलात्कार के मामले पर ठहाके लगाते हैं और दूसरे जो सवाल करते हैं, उनके साथ इस तरह का व्यवहार कांग्रेस सरकार की ‘रीति और नीति’ दोनों को दर्शाता है।
बलात्कार के आंकड़ो को लेकर अशोक गहलोत सरकार के मंत्रियों का बयान बिलकुल सही है। राजस्थान में महिलाओं और नाबिलग लड़कियों की सुरक्षा को लेकर दिन-ब-दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
ताजा हालात पर नजर डालें तो करौली में एक दलित लड़की का अपहरण कर गैंगरेप किया गया और फिर पीड़िता की गोली मार कर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने लड़की के शरीर को तेजाब से जलाकर एक कुँए में फेंक दिया था। परिजनों ने इस मामले पर पुलिस की लापरवाही की बात कही थी।
इस मामले को लेकर एबीवीपी के छात्र जांच की मांग करते हैं तो गहलोत सरकार की पुलिस उन पर डंडे बरसाती है।
ऐसी ही एक घटना 20 जून, 2023 को घटी थी, जब बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित लड़की के साथ पहले गैंगरेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। हैरानी की बात तो यह है कि लड़की का गैंगरेप करने वाले 3 आरोपियों में से दो ‘मनोज और भागीरथ’ राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल हैं।
दुष्कर्म करने कोई विदेशी नहीं आता: गहलोत
सोचिए, जिनके हाथ में कानून-व्यवस्था का जिम्मा है, वही उस कानून की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। वैसे भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह कहते हैं कि प्रदेश में दर्ज होने वाले दुष्कर्म के आधे से ज्यादा मामले झूठे होते हैं।
कानून व्यवस्था पर जोर देने के बजाय गहलोत कहते हैं कि दुष्कर्म करने कोई विदेशी नहीं आता, बल्कि दुष्कर्म करने वाले अधिकांश लोग पीड़िता के रिश्तेदार या उसके परिवार के कोई जानकार ही होते हैं।
अब अशोक गहलोत को यह भी जवाब देना चाहिए कि उन पुलिस कॉन्सटेबल का उस पीड़िता से क्या सम्बन्ध था, जिसका उन्होंने बलात्कार किया और फिर हत्या कर दी।
जयपुर के बनाड़ थाना क्षेत्र स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली 7 वर्षीय नाबालिग लड़की का लगातार बलात्कार कर दिया जाता है। ऐसे एक या दो घटनाएं नहीं है बल्कि अनेकों घटनाएं घट रही हैं और थमने का नाम नहीं ले रही है।
केन्द्र सरकार में मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहते हैं कि “राजस्थान में हर दिन लगभग 17-18 बलात्कार और लगभग 5-7 हत्या के मामले दर्ज किए जाते हैं।”
हाल ही में जोधपुर में 6 माह की एक मासूम समेत 4 लोगों के परिवार को जिंदा जला दिया गया था।
ये सभी घटनाएं और उन पर राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्रियों के संवेदनहीन बयान यह दर्शाते हैं कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर कितने गम्भीर हैं।
मुख्य न्यायाधीश की चुप्पी
अब जहाँ तक गम्भीरता की बात है तो यह भारत की न्यायपालिका को भी दर्शानी चाहिए। ठीक उसी तरह जिस तरह सर्वोच्य न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ मणिपुर में कुकी महिला के बलात्कार पर तत्काल टिप्प्णी करते हैं लेकिन राजस्थान में दलित लड़कियों को रेप का शिकार बनाए जाने पर चुप्पी साध लेते हैं।
जस्टिस चंद्रचूड़ क्यों नहीं कहते हैं कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार महीनों से चले रहे रेप मामलों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तो अब सुप्रीम कोर्ट इस पर कार्रवाई करेगा।