राजस्थान में वर्ष 2020 में सामने आए फोन टैपिंग मामले में अब दिल्ली पुलिस द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को 7वीं बार समन जारी किया गया है। सूचना के अनुसार ओएसडी को सोमवार (20-03-2023) को सुबह 11 बजे अपराध शाखा कार्यालय बुलाया गया था।
ज्ञात हो कि इससे पूर्व 13 फरवरी, 2023 को वो पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए थे। अब तक लोकश शर्मा अपराध शाखा के सामने 3 बार पेश हो चुके हैं। पुलिस का दावा है कि मामले में मिले सबूत लोकेश शर्मा से जुड़े हुए हैं।
दरअसल, 25 मार्च, 2021 को दिल्ली पुलिस ने जोधपुर के भाजपा सांसद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। जिसमें शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और गैरकानूनी रूप से टेलीग्राफिक सिग्नल को बाधित करने के लिए FIR दर्ज की गई थी।
FIR के बाद 3 जून, 2021 को शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रूख किया तो उनके खिलाफ दंड की कार्रवाई पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित हुआ था।
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बता दें कि फोन टैपिंग का यह मामला वर्ष, 2020 का है। इस खुलासे ने राजस्थान में राजनीतिक संकट को जन्म दे दिया था। दरअसल, भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत और कॉन्ग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोन पर बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आए थे जो मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ थे। इनमें तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले 18 पार्टी विधायकों के विद्रोह के बीच सामने आए थे।
इस पूरे मामले में लोकेश शर्मा पर कॉन्ग्रेस सरकार को गिराने के लिए वीडियो क्लिप का प्रसारण करने का आरोप लगाया गया था। हालाँकि शर्मा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि; मैं स्पष्टता से कहता हूँ कि मुझ पर फोन टैपिंग का आरोप बिल्कुल गलत है, मैंने कोई फोन टैप नहीं किया है।
दूसरी ओर शर्मा इससे पहले अलग बयान जारी कर चुके हैं। उन्होंने पहले दावा किया था कि उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो क्लिप प्राप्त हुए थे जो मीडिया के माध्यम से राज्य के लोगों तक पहुँचे। शर्मा का कहना है कि क्लिप में संवैधानिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिराने के संबंध में बातचीत थी। इसे सामने लाने में मैंने एक प्रयास किया ताकि क्लिप सार्वजनिक डोमेन तक पहुँच सके।
बहरहाल, मामले में पुलिस द्वारा जांच की जा रही है पर इसने राजस्थान कॉन्ग्रेस में चल रही अंतर्कलह को बढ़ाने का ही काम किया था। प्रदेश कॉन्ग्रेस में गहलोत और सचिन गुट में कलह के बाद फोन टैपिंग के मामले ने राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बना दी थी।