राजस्थान में बार-बार हो रहे पेपर लीक मामलों को लेकर सरकार पर हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच सचिन पायलट ने भी अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है। पायलट ने पेपर लीक को लेकर कहा है कि छोटे दलाल नहीं बल्कि उन्हें संरक्षण देने वाले सरगना को पकड़ना चाहिए।
दरअसल, पश्चिमी राजस्थान से शुरू की गई किसान रैली के दौरान सचिन पायलट ने पेपर लीक कांड को लेकर गहलोत सरकार को ही निशाने पर ले लिया। सचिन पायलट ने बड़े सरगनाओं की बात करके गहलोत सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों की तरफ इशारा किया है।
उन्होंने कहा कि हम सरकार द्वारा पेपर लीक जाँच का स्वागत करते हैं लेकिन इस बात पर विश्वास करना कठिन है कि कोई कॉन्ग्रेस नेता या सरकारी अधिकारी की इसमें संलिप्तता नहीं थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि वो कौन सा ‘जादू’ था जिसके चलते बिना किसी नेता या अधिकारी की संलिप्तता के पेपर अभ्यर्थियों को मिल गए? सरकार द्वारा बताया गया कि प्रश्न पत्र एक तिजोरी में रखे गए थे तो फिर वे बिना किसी जादू के कैसे परीक्षार्थियों के पास पहुँच गए?
सचिन पायलट ने कहा कि पेपर लीक मामले में जिम्मेदारी तय कर इसमें शामिल लोगों की पहचान की जानी चाहिए एवं उन्हें कानून के दायरे में लाना चाहिए। पायलट का कहना है कि लगातार हो रहे पेपर लीक से युवाओं का भविष्य दाँव पर है। इसके पीछे जो ‘भाई’ लोग हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
बता दें कि दिसम्बर, 2022 को हुए RPSC द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की परीक्षा पेपर लीक के कारण स्थगित करनी पड़ी है। अब इसका आयोजन 29 जनवरी, 2023 को किया जाएगा। राजस्थान में वर्ष 2018 में गहलोत सरकार आने के बाद करीब दर्जन भर मुख्य परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। प्रदेश में विपक्ष ने मामलों पर अंकुश ना लगा पाने को लेकर सरकार की कड़ी निंदा की है।
वहीं कुर्सी की लड़ाई को लेकर सचिन पायलट एक बार फिर सार्वजनिक मंच से सामने आए। उन्होंने याद दिलाया कि विपक्ष में रहते हुए आंदोलनों में उनके द्वारा लाठियाँ खाए जाने के बाद ही सरकार बनी थी। इस दौरान पायलट ही नहीं उनके खेमे के नेता भी उनके स्वर में स्वर मिलाते नजर आए।
गहलोत सरकार में ही कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने इस ओर इशारा किया कि गहलोत स्वयं कुर्सी त्याग दें अन्यथा युवा धक्का देकर हटा देंगे। इस दौरान उन्होंने बिजली संकट पर अपनी ही सरकार की घेराबंदी कर दी।
वहीं, दूसरी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिलहाल कॉन्ग्रेस के चिंतन शिविर में हैं। इस शिविर में गहलोत द्वारा मंत्रियों के विभागवार कार्यों का लेखा-जोखा लिया जा रहा है। गहलोत हाईकमान के पास स्वच्छ रिपोर्ट कार्ड पहुँचाकर अपने अंक बढ़वाना चाह रहे हैं। इसी बीच पेपर लीक को लेकर राज्य सरकार की बार-बार हो रही निंदा के बाद अब गहलोत ने पेपर लीक माफिया के खिलाफ एक्ट लाने की बात की है।
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