राजस्थान में अपराधी बेखौफ, बेलगाम हो गए हैं और प्रदेश की गहलोत सरकार बेपरवाह दिखाई पड़ रही है। हाल ही में आई NCRB की रिपोर्ट में ज्यादा जनसंख्या वाले 10 बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा अपराध में वृद्धि दर्ज करने वाला राज्य राजस्थान बन गया है। यह वृद्धि वर्ष 2021 में दर्ज की गई है।
इस लेख को वीडियो में देखने के लिए नीचे क्लिक करें।
NCRB की रिपोर्ट ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ में राजस्थान में IPC अपराधों के 2,14,552 मामले सामने आए, वर्ष 2020 के मुकाबले यह अपराध के मामलों में 10% की वृद्धि है, वर्ष 2020 में कुल 1,93,279 अपराध के मामले सामने आए थे।
वहीं, राजस्थान से करीब तीन गुना जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 में 2020 के मुकाबले अपराध में मात्र 0.3% की वृद्धि हुई।
महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं राजस्थान
महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान ने देश में दूसरे नंबर पर है, 2021 में इस तरह के 40,738 मामले सामने आए हैं।
राजस्थान में देश में सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले सामने आये हैं, वर्ष 2021 में 6,337 बलात्कार के मामलों के साथ राजस्थान देश में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। राजस्थान में हर दिन 17 बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं।
राजस्थान में बलात्कार के प्रयास के मामले भी देश में सबसे ज्यादा हैं, 987 मामले वर्ष 2021 में सामने आये जिनमे बलात्कार का प्रयास किया गया।
किसी महिला को बेआबरू करने के उद्देश्य से किये गए वारदातों में भी राजस्थान देश में चौथे नंबर पर है, वर्ष 2021 में इस तरह के 9,079 मामले सामने आए हैं।
अन्य अपराधों में भी बढ़ोत्तरी
राजस्थान में अन्य तरह के अपराध जैसे हत्या और नाबालिगों द्वारा अपराध भी कम होने का नाम नहीं ले रहे। प्रदेश में 1,786 हत्याएं वर्ष 2021 में हुईं, जो कि देश में छठे स्थान पर सर्वाधिक हैं।
नाबालिगों द्वारा अपराध के मामले में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है, वर्ष 2021 में कुल 2,757 ऐसे मामले सामने आए जिनमें 18 वर्ष से कम आयु के अपराधी शामिल थे।
कांग्रेस का दोहरा रवैया
राजस्थान में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था और लगातार हो रहे महिलाओं के के खिलाफ अपराधों पर कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने भी चुप्पी साध रखी है, जबकि उत्तर प्रदेश के चुनावों में उन्होंने ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ जैसे चुनावी अभियान चलाए थे।
वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन सब चिंताजनक आंकड़ों के बावजूद राज्य के प्रति बेफिक्र दिखाई देते हैं, वो कभी अपने जादूगर होने वाला हास्यास्पद बयान देते हैं, कभी गुजरात में कांग्रेस के चुनावी अभियान को हवा देते दिखते हैं।
हाल ही में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड, दलितों पर अत्याचार और एक साधु का अवैध खनन के विरोध में स्वयं को आग लगा लेना राज्य में सरकारी मशीनरी की विफलता और क़ानून व्यवस्था के पतन को दिखाता है।