मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर 2023 को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 11:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
शपथग्रहण के समय की कुंडली स्थिर कुम्भ लग्न की है, लग्न में मूलत्रिकोण के शनि हैं जो शश राजयोग बना रहे हैं। मध्यप्रदेश में इस कार्यकाल प्राकृतिक सम्पदा, वनों आदि के लिए अच्छा कार्य होगा। खासकर धातु से जुड़े उद्योगों, खनन उद्योग में जोरदार विकास होगा।
दशम भाव में मंगल, बुध व चन्द्र को अस्त करके सूर्य बहुत मजबूत हैं। जो दिखा रहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का अपनी सरकार पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित होगा, एवं कोई भी खेमा उनके खिलाफ आंतरिक राजनीति करने में सफल नहीं होगा। शीघ्र ही मोहन यादव अपनी मजबूत पकड़ के साथ मध्यप्रदेश के सबसे शक्तिशाली क्षत्रप के रूप में स्थापित हो जाएंगे एवं अपने सभी शत्रुओं को बिठाने में सफलता हासिल करेंगे।
डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश को बहुत से साहसी एवं दूरगामी निर्णय देखने को मिलेंगे। मोहन सरकार पूरी तरह freehand से अपनी योजनाओं को अंजाम देने जा रही है। मध्यप्रदेश शासन जनकल्याणकारी योजनाओं को अपने खजाने से खुले हाथ से धन खर्च करेगी। जिस कारण राज्यकोष सामान्य स्तर पर रहेगा।
राजयोगकारक शुक्र नवम भाव में स्वगृही होकर दशमेश केतु के साथ प्रबल राजयोग बना रहे हैं जो कि मध्यप्रदेश व मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिए बहुत शुभ हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव जल्द ही जनता में लोकप्रिय स्थान और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा हासिल करने जा रहे हैं। चन्द्रमा के प्रभाव से मोहन यादव के भाषण और बयान भी खासी चर्चा का विषय रहेंगे। मोहन यादव इंडिपेंडेंट होते हुए पुराने नेताओं के आभामंडल को तोड़ने और उससे निकलने में सफल साबित होंगे।
मध्यप्रदेश में पूरे पांच साल धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य होगा, अनेक मंदिरों के पुनरुद्धार, साधु संतों के सम्मान के साथ साथ, धार्मिक कार्यों में पूरा शासन तंत्र बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेगा और जनता की धार्मिक भावनाओं का पूरा ध्यान रखेगा। मध्यप्रदेश में हिन्दुत्व के लिए यह स्वर्णिम काल साबित होने जा रहा है। चौथे भाव के शुभ प्रभाव से 2024 के लोकसभा चुनाव में मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भाजपा का 29 की 29 सीटें जीतने का लक्ष्य असम्भव नहीं लग रहा है।
6,8,12 भावों में कोई भी ग्रह नहीं है, जो कि एक शुभ संकेत है, इसलिए इन 5 सालों में मध्यप्रदेश में किसी बड़ी जन-धनहानि की संभावना तो नहीं दिखाई देती है पर अग्निकांड से सावधान रहने की आवश्यकता है, इसलिए अग्निशमन विभाग को चुस्त दुरुस्त बनाना व बिजली विभाग में सुधार सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की शपथग्रहण की कुंडली में 9 में से 7 ग्रह केवल छठे आठवें भाव में बैठ गए थे जिससे कोरोनाकाल में देश में सर्वाधिक जनहानि महाराष्ट्र को झेलनी पड़ी और अंततः उद्धव सरकार भी गिर गयी थी।
मध्यप्रदेश में सरकार के शपथग्रहण की इस कुंडली के तृतीय भाव में गुरु सरकार के साहसी दृष्टिकोण को बरकरार रखेगा। लग्नेश राहु वर्गोत्तम होकर बहुत मजबूत हो गया है। यहाँ खास बात यह है कि इन 5 सालों में मध्यप्रदेश केन्द्र या अन्य संस्थाओं की ओर पैसे के लिए देखे बिना अपने दम पर अपनी अर्थव्यवस्था को गति देते हुए विकास करने जा रहा है। मध्यप्रदेश में सूर्य व्यापार के लिए शुभ हो गए हैं, जिससे सरकार सरल व्यापार व निवेश हेतु उल्लेखनीय प्रयास करेगी और उसमें सफल होगी। संभावना तो यह भी है कि इस दौरान राज्य में मूल्यवान खनिज, धातु, प्राकृतिक संसाधन की खोज भी हो सकती है जिससे राज्य को बहुत लाभ मिल सकता है।
बुध के दुष्प्रभाव के कारण राज्य में महिला सम्बन्धी मुद्दे पर सरकार के घिरने की संभावना बन रही है। महिला अत्याचार के कुछ मामले भी मोहन सरकार के गले की फांस बन सकते हैं इसलिए सरकार द्वारा महिला सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी है। मोहन सरकार कमजोर विपक्ष और अत्यधिक मजबूती के कारण कुछ ऐसे कठोर निर्णय ले सकती है जो जनता में पसन्द नहीं किए जाएंगे। अधिकारियों की तानाशाही और लापरवाही के कुछ मामले भी सुर्खियां बटोर सकते हैं। कुल मिलाकर मध्यप्रदेश में 5 साल स्वच्छ व सुचारू शासन चलने के पूरे शुभ संकेत इस कुंडली में हैं।
राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथग्रहण की कुंडली
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर 2023 को जयपुर के अल्बर्ट हॉल में 13:05 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की है।
शपथग्रहण के समय की कुंडली मीन लग्न की है। मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष तृतीया को उत्तराषाढ़ नक्षत्र, ध्रुव योग, रवियोग में मुहूर्त्त शुभ है। मीन लग्न की इस कुण्डली में लग्नेश गुरु द्वितीय भाव में है और धनेश मंगल भाग्यस्थान में स्वगृही है जो राज्य की सुख समृद्धि और अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा व औद्योगिक विकास में सहयोगी रहेगा। मंगल व बुध सूर्य में अस्त हैं जिस कारण सूर्य 5 भावों को प्रभावित कर रहे हैं और भजनलाल सरकार को मजबूती और स्थिरता दे रहे हैं। भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में तालमेल बना रहेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आंतरिक राजनीति की सभी कोशिशों को पीछे छोड़ते हुए, सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे और अपने प्रतिद्वंद्वियों पर जीत पाकर पूरे पांच साल सफल सरकार चलाकर दिखाएंगे। भजनलाल शर्मा जल्दी ही अपनी सरकार के कामों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में कामयाब रहेंगे। राजस्थान की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत का संरक्षण व विकास सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल रहेगा व तीर्थस्थलों का द्रुतगति से विकास देखने को मिलेगा। उपेक्षित मंदिरों और उनके पुजारियों के हित में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएँगे। राजस्थान में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अच्छा निवेश आने की सम्भावना है।
पंचमेश चन्द्रमा की शुभस्थिति दिखाती है कि राजस्थान में अगले पांच साल में शिक्षा के क्षेत्र में जोरदार सुधार होने जा रहा है व गहलोत सरकार के समय हुए पेपर लीक जैसे परीक्षा घोटालों से तहस नहस हुई राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था की कायापलट होने जा रही है। शिक्षा और परीक्षा क्षेत्र में पूरी तरह सुधार भजनलाल सरकार की प्राथमिकता में शामिल रहेगा। राज्य में प्रसूताओं और नवजात शिशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ बनाया जाएगा और बालकों से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जाएगा। चिकित्सा के क्षेत्र में भी चिरंजीवी जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं सरकार आगे बढ़ाती रहेगी।
राजस्थान सरकार का बहुत धन जनकल्याणकारी योजनाओं में खर्च होने से राजकोष की भरपाई में कठिनाई आएंगी व आय से ज्यादा खर्च होने, राज्य का कर्ज और ज्यादा बढ़ने के संकेत हैं। राज्य को यातायात सम्बन्धी दुर्घटनाओं की दर को कम करने के प्रयास करने होंगे। भजनलाल सरकार को महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए मुख्य रूप से महिला मामलों में सावधानी रखने की जरूरत है, अन्यथा ऐसे मामले बड़ा रूप धारण कर सकते हैं, जो सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। आंतरिक रूप से भी कुछ महिलाएं रोड़ा अटकाने का काम कर सकती हैं।
भजनलाल शर्मा केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देशों की पालना को पूरी तरह सुनिश्चित करेंगे, फिर भी कार्यकाल का अंत आते आते राजस्थान में कुछ ऐसी परिस्थितियाँ पैदा हो सकती हैं जिससे उन्हें केन्द्रीय नेतृत्व की नाराजगी मोल लेनी पड़ सकती है। राजस्थान में उपमुख्यमंत्री दियाकुमारी की लोकप्रियता अलग ही स्तर पर रहेगी और उनके स्वतंत्र निर्णय कुछ लोगों की आँखों में खटक सकते हैं। राजस्थान की शपथग्रहण की कुंडली राज्य के विकास को गति देती दिखाई दे रही है। अंत में यहाँ कहना न होगा कि मध्यप्रदेश के शपथग्रहण की कुंडली राजस्थान की अपेक्षा ज्यादा मजबूत दिखाई देती है।
मुदित अग्रवाल, ज्योतिषाचार्य
सम्पादक, सर्वेश्वर जयादित्य पंचांग, जयपुर