शनिवार, 24 अक्टूबर को राजस्थान में सेकण्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर, परीक्षा से ठीक पहले लीक हो गया था। इस परीक्षा के लिए दूर-दराज़ से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे थे। यहाँ तक कि अभ्यर्थियों को परीक्षा हॉल में प्रवेश भी दे दिया गया था। लेकिन तभी पेपर लीक की खबर आई और राजस्थान लोक सेवा आयोग ने परीक्षा रद्द करने का ऐलान कर दिया।
आपको बता दें कि राजस्थान में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक कुल 55 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जयपुर से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर का बयान सामने आया है। ट
उन्होंने राजस्थान की गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “पिछले 4 साल में 16 बार पेपर लीक हो चुके हैं। सीबीआई जांच की हमारी मांग को अनसुना कर दिया गया। सीबीआई को अनुमति नहीं दी जा रही है क्योंकि सरकार जानती है कि बड़े नाम सामने आएंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान सरकार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर रही है।“
पुलिस ने बताया कि उदयपुर जिले में शनिवार सुबह परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर लीक मामले में 37 छात्रों और सात विशेषज्ञों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में सुरेश बिश्नोई भी शामिल है, जिसने उम्मीदवारों को पेपर उपलब्ध कराया था।
पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि बिश्नोई ने सुरेश ढाका से परीक्षा का पेपर लिया था। पुलिस ने बताया अभ्यर्थी विशेषज्ञों की मदद से एक बस में पेपर हल कर रहे थे। गौरतलब है कि 55 गिरफ्तार आरोपियों में सात महिलाएँ भी शामिल हैं।
आरोपितों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से महिलाओं को दो दिन और बाकी आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
राजस्थान में पिछले कई वर्षों से पेपर लीक की घटना थम नहीं रही है। पिछले 4 वर्ष के कार्यकाल में 16 पेपर लीक होने के कारण गहलोत सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान सरकार नौकरी के वादे को पूरा करने से बचने के लिए ऐसे घटनाक्रमों को शह प्रदान कर रही है। यह दावा इसलिए भी मजबूत हो जाता है क्योंकि इस पेपर लीक का मास्टरमाइंड सुरेश ढाका पहले भी गिरफ्तार हुआ था लेकिन उस पर शिंकजा नहीं कसा गया।