युवा नेता राहुल गांधी एक बार फिर लांच होने जा रहे हैं। वैसे तो वही यक्ष-प्रश्न एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है कि पहले कांग्रेस का नेतृत्व कौन करेगा, यह तय होगा या राहुल जी सफलतापूर्वक प्रक्षेपित हो जाएंगे, लेकिन फिलहाल एक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से आपका परिचय कराते हैं।
राहुल गाँधी इसके माध्यम से भारत को जोड़ने का दावा कर रहे हैं। आज से शुरू हुई इस यात्रा में पार्टी के कई शीर्ष नेता पैदल ही लंबी दूरी तय करते हुए राहुल गांधी के साथ चलेंगे।
कांग्रेसी नेताओं ने इस जन-अभियान को “स्वतंत्रता के बाद से पहला ऐसा आंदोलन” बताया है, लेकिन असम के मुख्यमंत्री का कुछ और मानना है। उन्होंने काह,
‘भारत जोड़ो यात्रा’ क्या है?
‘भारत जोड़ो यात्रा’ कांग्रेस का एक ऐसा अभियान है जिसके तहत तकरीबन 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की जाएगी।
यह यात्रा आज यानी 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी से शुरू होते हुए कश्मीर में जा कर समाप्त होगी और 12 राज्यों से गुजरेगी।
उद्देश्य: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आधिकारिक वेबपेज इस यात्रा के उद्देश्य का वर्णन करता है, “इस यात्रा का उद्देश्य भारत के लिए एकजुट होना है; एक साथ आने और हमारे राष्ट्र को मजबूत करने के लिए।”
‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर उठते प्रश्न
हाल के दिनों में कांग्रेस और उनके समर्थक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को महात्मा गांधी के दांडी मार्च के समकालीन खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन किसी ने राहुल गांधी को यह याद दिलाने की जहमत नहीं उठाई कि बापू वातानुकूलित कमरों का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेसी नेता दिन में करीब 6-7 घंटे पैदल चलेंगे फिर कंटेनरों में सोएंगे। पैदल-यात्रियों के लिए लगभग 60 ऐसे कंटेनर खरीदे गए हैं – जो शौचालय, बिस्तर और एसी जैसी सुविधाओं से लैस होंगे।
एक कंटेनर कई यात्रियों द्वारा साझा किया जाएगा लेकिन सुरक्षा के लिहाज से राहुल गाँधी अकेले एक कंटेनर का इस्तेमाल करेंगे।
बीजेपी के ताने
बीजेपी नेताओं ने इस पदयात्रा के नाम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर कांग्रेस की काफी आलोचना की।
तमिलनाडु भाजपा इकाई के प्रमुख अन्नामलाई ने मंगलवार को तंज कस्ते हुए कहा कि राहुल गांधी‘भारत छोड़ो’ के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा, “यात्रा करते हुए उन्हें नया भारत दिखेगा जो पिछले 8 सालों से माननीय पीएम नरेंद्र मोदी की मेहनत का परिणाम है”।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सुझाव दिया कि कांग्रेस पाकिस्तान में यह अभियान चलाए क्योंकि “भारत एक है।”
एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “अगर वे [कांग्रेस] भारत जोड़ो यात्रा शुरू करना चाहते हैं, तो राहुल गांधी को पाकिस्तान में ऐसा करना चाहिए। भारत में इस यात्रा को करने के क्या लाभ हैं? भारत जुड़ा हुआ है, और एकजुट है।”
सिविल सोसाइटी भी हुई शामिल
राहुल गांधी की इस यात्रा में 150 सिविल सोसाइटी संगठन भी भारत जोड़ने के नाम पर पदयात्रा में भाग ले रहे हैं।
जब हमने इन तथाकथित सिविल सोसाइटी संगठनो की जानकारी निकाली तो अरुणा रॉय, योगेंद्र यादव, बेजवाड़ा विल्सन, अंजलि भारद्वाज और डी महादेवा जैसे निराशाजनक नाम बाहर आए।
कांग्रेस पार्टी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के द्वारा अपनी गिरती विरासत को संभालने का प्रयत्न कर रही है लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपने दृष्टिकोण में गंभीरता लानी होगी।