कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने एक बार फिर दोहराया है कि भारत सरकार के सर्वोच्च पदों पर SC, ST और OBC को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। उनका आरोप है कि केंद्र की NDA सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। लगभग 2 वर्षों से राहुल गांधी यही राग अलाप रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या वास्तव में केंद्र में NDA सरकार आने के बाद सरकारी नौकरियों में, और सरकार के सर्वोच्च पदों पर SC, ST और OBC की संख्या कम हुई है?
इसका सही जवाब हमें आंकड़ों से ही मिल सकता है। ऐसे में आइए भारत सरकार के आंकड़ों से समझने का प्रयास करते हैं कि राहुल गांधी के इस दावे में क्या कोई सच्चाई है?
SC, ST और OBC के मुद्दे पर Rahul Gandhi के आरोप
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के दो मुख्य आरोप हैं। पहला यह कि BJP की सरकार आने के बाद सरकारी नौकरियों में SC, ST और OBC को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। दूसरा आरोप यह है कि भारत सरकार में सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी, ज्वॉइंट सेक्रेटरी और डारेक्टर जैसे उच्च पदों पर SC, ST और OBC को नहीं रखा जा रहा है।
इन दोनों आरोपों की सच्चाई जानने के लिए हम UPA सरकार द्वारा जारी किए गए 2012 के आंकड़ों और NDA सरकार द्वारा जारी किए गए 2022 के आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं।
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2012 में UPA सरकार ने संसद में बताया था कि ग्रुप A की सरकारी नौकरियों में कुल 11.5 प्रतिशत SC यानी अनुसूचित जाति के अधिकारी हैं। वहीं, NDA सरकार ने 2022 में संसद में जानकारी दी कि ग्रुप A में कुल 12.86 प्रतिशत SC अधिकारी हैं। इसका अर्थ ये हुआ कि मोदी सरकार आने के बाद ग्रुप A में SC अधिकारियों का प्रतिनिधित्व 11.82 प्रतिशत बढ़ गया।
आगे बढ़ते हैं, ग्रुप B की बात करते हैं। UPA सरकार के दौरान 2012 में ग्रुप B में SC वर्ग का प्रतिनिधित्व 14.9 प्रतिशत था। मोदी सरकार बनने के बाद 2022 में ग्रुप B में SC वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़कर 16.66 प्रतिशत हो गया- अर्थात ग्रुप B में SC वर्ग के प्रतिनिधित्व में 11.81 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
ST के प्रतिनिधित्व में भी आई बढ़ोतरी
हम और आगे बढ़ते हैं और SC के बाद अब ST वर्ग के प्रतिनिधित्व के आंकड़ें देखते हैं। 2012 में UPA सरकार के समय ग्रुप A में ST का प्रतिनिधित्व 4.8 प्रतिशत था। मोदी सरकार आने के बाद 2022 में यह बढ़कर 5.64 प्रतिशत हो गया, अर्थात ग्रुप A में ST के प्रतिनिधित्व में 17.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
इसी तरह UPA सरकार के समय ग्रुप B में ST का प्रतिनिधित्व 6.0 प्रतिशत था। मोदी सरकार आने के बाद 2022 में यह बढ़कर 6.55 प्रतिशत हो गया- अर्थात ग्रुप B में भी ST के प्रतिनिधित्व में 9.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
SC और ST वर्ग के सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व के इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद दोनों ही वर्गों का प्रतिनिधित्व सरकारी नौकरियों मे बढ़ा है। याद रखिए, UPA सरकार के समय के आंकड़े स्वयं तत्कालीन मनमोहन सरकार ने जारी किए थे।
अब OBC की बात करते हैं। ध्यान से समझते जाइए। 2012 में UPA सरकार के समय ग्रुप A की नौकरियों में OBC का प्रतिनिधित्व 6.9 प्रतिशत था। केंद्र में NDA सरकार बनने के बाद 2022 में ग्रुप A में OBC का प्रतिनिधित्व बढ़कर 16.88 प्रतिशत हो गया।
इसका अर्थ हुआ कि ग्रुप A की सरकारी नौकरियों में ओबीसी के प्रतिनिधित्व में मोदी सरकार आने के बाद लगभग 144.63 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
अब ग्रुप B की नौकरियों में OBC के प्रतिनिधित्व को देखते हैं। 2012 में UPA सरकार के समय ग्रुप B में OBC का प्रतिनिधित्व 7.3 प्रतिशत था। केंद्र में NDA की सरकार आने के बाद 2022 में ग्रुप B में OBC का प्रतिनिधित्व बढ़कर 15.77 प्रतिशत हो गया।
इसका अर्थ है कि मोदी सरकार आने के बाद ग्रुप B की सरकारी नौकरियों में OBC के प्रतिनिधित्व में 116 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
इससे स्पष्ट है कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद सरकारी नौकरियों में SC, ST और OBC का प्रतिनिधित्व बड़े स्तर पर बढ़ा है। इन आंकड़ों को देखने के बाद आप राहुल गांधी के आरोपों को कितनी गंभीरता से लेते हैं, ये आपको तय करना होगा।
उच्च पदों SC, ST और OBC के आंकड़े
हम और आगे बढ़ते हैं और सेक्रेटरी, ज्वॉइंट सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी और डारेक्टर के स्तर पर SC और ST के प्रतिनिधित्व के आंकड़े समझते हैं क्योंकि राहुल गांधी इसको लेकर सबसे ज्यादा लफ्फाजी करते आ रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने 2012 के UPA सरकार के आंकड़ों को अपने X अकाउंट पर शेयर किया है। राज्यसभा की वेबसाइट पर भी ये आंकड़े उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों के अनुसार 2012 में UPA सरकार में एक भी अनुसूचित जाति का सेक्रेटरी नहीं था। एक भी OBC सेक्रेटरी नहीं था। सिर्फ 2 ST सेक्रेटरी थे।
जबकि 2022 में NDA सरकार में 6 सेक्रेटरी SC और ST वर्ग के थे। इसी तरह से अगर एडिशनल सेक्रेटरी की बात करें तो 2012 में UPA सरकार में 5 SC और 1 ST वर्ग से एडिशनल सेक्रेटरी थे। जबकि 2022 में NDA सरकार में 10 SC वर्ग से और 4 ST वर्ग से एडिशनल सेक्रेटरी थे।
ध्यान से समझते जाइए, UPA की तुलना में सेक्रेटरी और एडिशनल सेक्रेटरी के स्तर पर SC और ST वर्ग का प्रतिनिधित्व NDA सरकार आने के बाद बढ़ा है।
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इसी तरह से ज्वॉइंट सेक्रेटरी की अगर बात करें तो 2012 में UPA सरकार में 32 SC और 14 ST ज्वॉइंट सेक्रेटरी थे, जबकि 2022 में मोदी सरकार में 26 SC और 29 ST ज्वॉइंट सेक्रेटरी थे।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी और ज्वॉइंट सेक्रेटरी के स्तर पर भी SC और ST वर्ग के प्रतिनिधित्व में UPA सरकार की तुलना में NDA सरकार में बढ़ोतरी हुई है।
याद रखिए, केंद्र सरकार में सेक्रेटरी और इसके समान स्तर की नौकरियों के OBC वर्ग के आंकड़े UPA सरकार के समय भी संग्रहित नहीं होते थे और अभी भी विस्तृत तौर पर उपलब्ध नहीं हैं।
इन आंकड़ों के आधार पर एक बात निश्चित तौर पर कही जा सकती है कि Rahul Gandhi भले ही लगभग दो वर्षों से SC, ST और OBC के प्रतिनिधित्व पर राजनीति करते घूम रहे हो लेकिन सच्चाई यही है कि केंद्र में NDA सरकार आने के बाद सभी तरह की सरकारी नौकरियों में SC, ST और OBC का प्रतिनिधित्व बढ़ा है।