राहुल गाँधी से जुड़े एक मामले में आज गुजरात हाईकोर्ट कोर्ट का फैसला आया है। ‘मोदी सरनेम’ मामले में राहुल गांधी की दो साल की सजा बरकरार रहेगी। गुजरात हाईकोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। ज्ञात हो कि इसी वर्ष 23 मार्च को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण अगले दिन उनकी संसद सदस्यता भी रद्द हो गयी थी। सूरत की सेशन कोर्ट के इस फैसले के बाद उसी दिन उन्हें जमानत भी मिल गयी थी।
वहीं इस फैसले के बाद राहुल गाँधी ने सूरत के कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी लेकिन सूरत कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्हें गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी। यह याचिका 25 अप्रैल को लगायी थी। और आज इसका फैसला आ गया है।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी अब आगामी 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और न ही संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे। हालाँकि हाईकोर्ट के इस फैसले के ख़िलाफ़ राहुल गांधी अब सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
एक से अधिक मामले
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि मौजूदा केस के बाद भी राहुल गांधी के खिलाफ कुछ और केस दर्ज हुए हैं। ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है।
राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 8 अन्य आपराधिक मानहानि की शिकायतें लंबित हैं और सत्र अदालत के आदेश में किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
क्या था मामला
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था, “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?” इस बयान पर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया है कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?