कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को लंदन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस बीच उन्होंने आरएसएस से ले कर भाजपा पर निशाना साधने की कोशिश भी की। राहुल गांधी ने यहाँ तक कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन को नहीं समझते हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कई ऐसे बयान दिए हैं जिसके बाद उन पर देश की अखंडता एवं संप्रभुत्ता को ख़तरे में डालने के आरोप भी लग रहे हैं। दरअसल अपने एक बयान में राहुल गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत में सत्ता परिवर्तन के लिए मदद की माँग की है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में बयान से ले कर अब तक राहुल गांधी निरन्तर भारत की आलोचना कर रहे हैं। इस बीच डिफेंस ऐनालिस्ट अभिजीत अय्यर मित्रा ने राहुल गांधी पर देश की एकता एवं अखंडता की शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
अभिजीत मित्रा ने अपने ट्विटर थ्रेड में विस्तार से बताया है कि किस प्रकार से राहुल गांधी लंदन में ऐसे लोगों से मिलते हैं, जिनके साथ उनकी मुलाक़ात प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। जैसे कि उनकी लंदन यात्रा ऐसे समय में जारी है जब देश में G20 मंत्रिस्तरीय बैठक और रायसीना संवाद जारी है। स्पष्ट रूप से कोई भी उनसे पूरी तरह से प्रोटोकॉल से मिलना नहीं चाहता था – वह विपक्ष के नेता नहीं हैं, तो वह किस हैसियत से उनसे मिलेंगे? और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में वे ऐसे विद्यार्थियों से मिलते हैं जिनका कहीं कोई राजनीतिक अस्तित्व नहीं है।
राहुल गाँधी ने सिद्ध किया कि वो पप्पू ही हैं
लंदन में ही राहुल गांधी भारत में सत्ता परिवर्तन की भी बात करते हैं और कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र ख़तरे में है और यह सिर्फ़ भारत तक सीमित नहीं है। अभिजीत मित्रा लिखते हैं कि राहुल गांधी भारत में बोलने की आज़ादी पर बात करते हैं लेकिन इस पर एंकर दानिश खान ने यह कह दिया कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता सिर्फ़ 9 साल का मुद्दा नहीं है बल्कि यह हमेशा से ऐसा ही रहा है। यह सुन कर राहुल गांधी इस बात से किनारा कर लेते हैं।
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के इसी संवाद की एक क्लिप भी शेयर की जा रही है जिसमें राहुल गांधी से एक वृद्ध यह व्यक्ति यह कहते सुने जा सकते हैं कि इंदिरा गांधी ने विदेशी धरती पर भारत की बुराई करने की बात से एकदम इनकार कर दिया था और राहुल गांधी को इंदिरा गांधी से कुछ सीखना चाहिए।
राहुल गांधी भारत में सत्ता परिवर्तन की बात पर ज़ोर देते हैं और यह भी कहते हैं कि देश के विदेश मंत्री (एस जयशंकर) चीन के भय को नहीं समझते हैं जितना वे समझते हैं। मित्रा लिखते हैं कि ऐसा कहकर राहुल गांधी असल में यह संदेश देना चाहते हैं कि चीन से देश को सिर्फ़ राहुल गांधी ही सुरक्षित रख सकते हैं।
मित्रा लिखते हैं कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी के भाषण की सबसे ख़राब बात यह है कि लेक्चर के दौरान उनके बगल में खड़ा आदमी कमल मुनीर है, जो एक पाकिस्तानी है। यह कमल मुनीर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ‘जज बिज़नेस स्कूल’ के प्रो वाइस चांसलर हैं। यानी कि राहुल गांधी को यह मंच देने का काम एक पाकिस्तानी ने किया है। मित्रा लिखते हैं कि ‘क्या आप इंदिरा के पोते की कल्पना कर सकते हैं, जो भारत के बारे में एक पाकिस्तानी के साथ मंच साझा करते हुए बकवास कर रहा है’?
अपने थ्रेड के आख़िर में अभिजीत मित्रा लिखते हैं कि इस बारे में जितना आप जानेंगे उतने ही भयानक तथ्य मिलते जाएँगे। उन्होंने कहा है कि विदेशी हस्तक्षेप द्वारा, शांतिपूर्ण या सैन्य ताक़त से सत्ता परिवर्तन की बात कर राहुल गांधी ने कार्यालय की अपनी संसदीय शपथ का उल्लंघन किया है जिसमें वे देश की अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा कि शपथ लेते हैं।
इसके बाद सोशल मीडिया पर ट्विटर यूज़र्स राहुल गांधी को पद से निरस्त करने की भी माँग कर रहे हैं। ग़ौरतलब है कि राहुल गांधी ने रविवार को ‘राजनीति और जनता: धारणा से प्रदर्शन तक’ कार्यक्रम में मीडिया के साथ बातचीत की और इस कार्यक्रम का संचालन इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (आईजेए) के अध्यक्ष दानिश खान कर रहे थे।