यूरोप दौरे पर गए कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने बेल्जियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी।
राहुल गाँधी के यूरोप दौरे का आज दूसरा दिन है जहाँ कांग्रेस नेता ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गाँधी कई सवालों से बचते दिखे तो कई सवालों के जवाब में उन्होंने वहां बैठे लोगों को गुमराह किया।
जी20 पर राहुल गाँधी का झूठ
दिल्ली में जी20 डिनर में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कहते हैं, “इसमें नया क्या है? उन्होंने विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है यह आपको कुछ बताता है। वे भारत की 60% आबादी के नेता को महत्व नहीं देते हैं। “
राहुल गाँधी को जानकारी होनी चाहिए कि इस कार्यक्रम में सरकार ने सिर्फ विशेष संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को न्योता दिया है। जैसे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और मनमोहन सिंह को बुलाया गया है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और नीतीश कुमार को बुलाया गया है। कार्यक्रम में शामिल होने की अर्हता में कांग्रेस अध्यक्ष का पद शामिल नहीं है इसलिए मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया गया है। हालाँकि जब स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में जब खड़गे को बुलाया जाता है तब वे इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर देते हैं।
आर्टिकल 370 पर गोलमोल जवाब
आर्टिकल 370 को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी बचते दिखे और उन्होंने कहा आर्टिकल 370 पर हमारा स्टैंड वही है जो कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में था।
हालाँकि राहुल गांधी ने ये नहीं बताया कि उस कार्यसमिति की बैठक में अनुच्छेद 370 को हटाना मोदी सरकार का एक ‘निर्लज्ज’, और ‘अलोकतांत्रिक’ कदम बताया गया था और इसकी आलोचना की गयी थी।
ऐसा ही रुख उनका ‘पेगासस’ मुद्दे को लेकर भी रहा उन्होंने कहा कि मेरे फोन में पेगासस था, ये फैक्ट है। मुझे सरकार द्वारा ट्रैक किया जा रहा था। ये बात वह पहली बार नहीं कर रहे हैं इससे पहले कई मौकों पर राहुल गाँधी यही आरोप लगाते आये हैं।
लेकिन तथ्य ये है कि सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले में टेक्निकल कमेटी द्वारा दायर की गई रिपोर्ट में बताया गया था कि कमेटी को 29 मोबाइल फोन दिए गए थे, जिनमें से 5 में मैलवेयर है, लेकिन ये नहीं कहा जा सकता कि जासूसी की गई। इसके बाद भी जब राहुल गाँधी पेगासस को लेकर आरोप लगाते रहे तो सरकार ने राहुल गाँधी को उनका फोन कमेटी से जांच करवाने की सलाह दी थी लेकिन राहुल गाँधी आगे नहीं आये।
चीन के प्रवक्ता बने राहुल?
राहुल गाँधी ने चीन के मुद्दे पर कहा कि “चीन दुनिया के लिए एक विशेष दृष्टिकोण प्रस्तावित कर रहा है। वे ‘बेल्ट एंड रोड’ का विचार रख रहे हैं। चीनी ऐसा करने में सक्षम हैं क्योंकि वे वैश्विक उत्पादन का केंद्र बन गए हैं। मुझे हमारी ओर से कोई वैकल्पिक दृष्टिकोण आता नहीं दिख रहा है।”
राहुल गाँधी चीन की प्रशंसा ऐसे समय में कर रहे हैं जब भारत तेजी से वैश्विक शक्ति के एक केंद्र के रूप में उभर रहा है। राहुल गाँधी को भारत का दृष्टिकोण इसलिए भी नज़र नहीं आता क्योंकि वे स्वयं को भारतीय राजनीति में विपक्ष के तौर पर नहीं बल्कि भारत के विपक्ष के तौर पर देखते हैं।
राहुल गांधी को समझना चाहिए कि बीआरआई जैसी परियोजनाओं से चीन दुनिया के लिए दृष्टिकोण नहीं प्रदान नहीं कर रहा है बल्कि चीन कई राष्ट्र और उनके लोगों की कीमत पर अपने आर्थिक हितों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहा है। और एक तानाशाही सरकार दुनिया के लिए कैसे कोई भी रास्ता प्रदान कर सकती है उस दुनिया के लिए जो लोकतांत्रिक है?
ऐसा लग रहा है कि राहुल गाँधी आईडिया ऑफ़ इंडिया के बाद ‘आईडिया ऑफ़ चीन’ लेकर आये हैं।
बताई भारत की ‘गरीब देश’ वाली छवि
राहुल गाँधी ने भारत को एक ऐसी देश के रूप में सामने रखते हैं जो बेहद गरीब है। उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान मैं हजारों युवाओं से मिला और उन्होंने मुझे तीन मुद्दों के बारे में बताया: बेरोजगारी, गरीबी के स्तर में भारी वृद्धि और पूरी तरह से असमान आय!
अब कॉन्ग्रेस के लिए यदि आंकड़े वास्तव में मायने रखते तो ये उस रिपोर्ट का भी प्रचार अवश्य करते जो UNDP द्वारा जारी आंकड़ों पर भी चर्चा करते जिसमें बताया गया है कि विगत छः वर्षों में 13.5 करोड़ लोग, स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में सुधार के चलते बहुआयामी गरीबी से बाहर निकल गए।
नीति आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी से उबरते हुए उत्तर प्रदेश के साथ, बिहार और मध्य प्रदेश ने सबसे तेजी से लोगों की गरीबी में कमी दर्ज की है।
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत ने साल 2015-16 में भारत के गरीबों की संख्या में 9.89% की महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की है, जो राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के दूसरे संस्करण के अनुसार 2019-2021 में 24.85% से बढ़कर 14.96% हो गई है।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में 32.59% से 19.28% तक सबसे तेजी से गिरावट देखी गई, शहरी क्षेत्रों में गरीबी में 8.65% से 5.27% की कमी देखी गई। कॉन्ग्रेस के लिए अधिक आवश्यक यह है कि किस प्रकार वे भारत की नकारात्मक तस्वीर पेश करने वाली बातों को अधिक से अधिक भुना सकते हैं।