‘मोदी’ जाति वालों को ‘चोर’ बताने के मानहानि के मामले पर राहुल गांधी की सेशन कोर्ट में लगाई गई अर्जी को खारिज कर दिया गया है। राहुल गांधी को बीते माह 23 मार्च को मोदी जाति पर अशोभनीय टिप्पणी के मामले में सूरत की एक कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2 वर्ष की सजा सुनाई थी, जिसके विरुद्ध उन्होंने यह याचिका दायर की थी।
इस याचिका के माध्यम से राहुल ने कोर्ट से यह अपील की थी कि उनकी दोषसिद्धि को रोक दिया जाए। दोषसिद्धि के कारण राहुल की लोकसभा सदस्यता भी खत्म हो गई थी और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
राहुल ने यह याचिका 3 अप्रैल को लगाई थी। न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए 20 अप्रैल को मामले की सुनवाई की बात कही थी। राहुल की याचिका खारिज होने पर अब उन्हें हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा।
राहुल गांधी की याचिका खारिज किए जाने पर गुजरात कॉन्ग्रेस के ट्विटर अकाउंट ने राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले न्यायाधीश के विरुद्ध अशोभनीय टिप्पणी की है।
गुजरात कॉन्ग्रेस के ट्विटर अकाउंट ने लिखा है, “सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी की अर्जी को खारिज कर दिया है, ये तो होना ही था, अमित शाह के चेले ने फैसला सुनाया है।”
गुजरात कॉन्ग्रेस ने इसके साथ एक और फोटो लगाया है जिसमें यह खबर लिखी है कि राहुल गाँधी को सजा सुनाने वाले जज रॉबिन पॉल मोगेरा कभी एक मामले में अमित शाह के वकील रहे थे। गुजरात कॉन्ग्रेस के ट्विटर पर साझा किए गए इस कथन और पोस्टर पर अब लोग लिख रहे हैं कि क्या यह अवमानना की श्रेणी में नहीं आएगा।
जनसत्ता की एक खबर के अनुसार, रॉबिन को गुजरात हाईकोर्ट द्वारा जिला न्यायालय के पद पर वर्ष 2017 में नियुक्ति दी गई थी। इस नियुक्ति के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा में उन्होंने टॉप किया था।
जिस मामले में रॉबिन द्वारा अमित शाह की पैरवी करने की बात की जा रही है उसमें भी अमित शाह को वर्ष 2014 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
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