क्या राहुल गांधी अब दक्षिण भारत से भी भाग रहे हैं? ये बड़ा प्रश्न इसलिए है क्योंकि केरल में राहुल गांधी के विरोध में सुर धीरे-धीरे तेज हो रहे हैं। केरल में I. N. D. I. Alliance वाली सरकार के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल यही संदेश दे रहे हैं। उनका कहना है कि राहुल गांधी केरल से सांसद हैं, लेकिन संसद में हमारे मुद्दे नहीं उठाते।’
वायनाड छोड़ने का इशारा उत्तर प्रदेश कांग्रेस ईकाई के अध्यक्ष अजय राय भी कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं। कहीं इसका यही अर्थ तो नहीं है कि राहुल गांधी की वायनाड सीट वाकई में खतरे में है।
हालांकि, अजय राय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वायनाड सीट राहुल गांधी पहले ही छोड़ देंगे या फिर 2019 का पैटर्न दोहराया जाएगा।
मुंगेरी लाल के हसीन सपने
अजय राय ने तो फिलहाल इच्छा ही जताई लेकिन मुंगेरी लाल यानी कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने परिणाम भी बता दिया कि स्मृति ईरानी की जमानत नहीं बचेगी।
इतना ही नहीं राहुल गांधी के साथ-साथ उनकी बहन प्रियंका वाड्रा भी वाराणसी से चुनाव लड़ सकती हैं। अगर वे चाहें तो, ऐसा अजय राय कह रहे हैं। वही अजय राय जो दो बार इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों बार हार का सामना कर चुके हैं। अब हो सकता है कि वे इस हैट्रिक को अपने नाम न करवाना चाह रहे हों।
उधर, उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत ने कहा कि प्रियंका वाराणसी से चुनाव लड़ें तो जीतेंगी। हालांकि, प्रियंका के विश्वस्त माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णन का कहना है कि उद्धव ठाकरे तो हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के पुत्र हैं। ऐसे में वे हिंदुओं की नगरी बनारस से लड़ें तो वे भी जीत जाएंगे।
ऐसे में यह समझना बड़ा मुश्किल हो गया है कि गठबंधन के साथी एक-दूसरे के लिए हारने की रेसिपी बता रहे हैं या जीतने की?
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