महाराष्ट्र के पुणे जिले में मौजूद डी वाई पाटिल स्कूल के प्रिंसिपल अलेक्जेंडर कोट्स रीड ने लड़कियों के वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए, जिसके पूरे स्कूल में हंगामा हो गया।
बीते 6 जुलाई, 2023 को प्रिंसिपल अलेक्जेंडर और कुछ अन्य ईसाई शिक्षकों को छेड़छाड़, धर्म परिवर्तन के आरोप लगने के बाद पद से हटा दिया गया है।
सोशल मीडिया पर अलेक्जेंडर की पिटाई का वीडियो भी सामने आया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक स्थानीय हिन्दू संगठनों द्वारा प्रिंसिपल की पिटाई उस समय की गई, जब उन्हें पता चला कि प्रबन्धन और माता-पिता को सूचना दिए बिना प्रिंसिपल अलेक्जेंडर ने लड़कियों के शौचालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए थे।
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मामला कहाँ से शुरू हुआ?
विश्व हिन्दू परिषद के सदस्य संतोष दाभाड़े के हवाले से मीडिया ने बताया है कि यह कहानी तब शुरू हुई जब स्कूल में एक छात्रा के माता-पिता स्थानीय हिन्दू संगठनों के पास पहुंचे और कहा कि उनकी बेटी को स्कूल में परेशान किया जा रहा है और प्रताड़ित किया जा रहा है।
पीड़ित छात्रा के माता-पिता ने यह भी बताया कि उससे जानबूझकर स्कूल की बेंच उठाने के लिए कहा जाता था और उसके गालों और शरीर के अन्य हिस्सों पर चुटकी काटकर उसे परेशान किया जाता था।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीसीटीवी कैमरे के अलावा स्कूल का प्रिंसिपल पढ़ाने से ज्यादा ईसाई धर्म का प्रचार स्कूल में करता था। छोटे बच्चों को ईसाई धर्म की प्रार्थना करवाई जाती थी।
इतना ही नहीं हिन्दू त्योहारों के दिन स्कूली बच्चों को छुट्टी भी नहीं दी जाती थी। स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया है कि हाल ही में, स्कूल ने हिन्दू त्योहार आषाढ़ी एकादशी और गुड़ी पड़वा के दौरान भी छुट्टियाँ जारी करने से इनकार कर दिया था।
हाल ही में जब पूरे विश्व भर में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया लेकिन डी वाई पाटिल स्कूल में योग दिवस का कार्यक्रम भी नहीं आयोजित करवाया गया।
स्कूल में जानबूझकर रखे जाते थे ईसाई शिक्षक
स्थानीय लोगों ने भी स्कूल प्रशासन से नाराजगी जताई है। लोगों का आरोप है कि इस स्कूल में ज्यादातर शिक्षक जानबूझकर ईसाई मत के रखे जा रहे थे और ये शिक्षक जबरदस्ती बच्चों को ईसाई मत की शिक्षा दे रहे थे।
हिन्दूवादी संगठनों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने प्रिंसिपल की पिटाई कर पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी।
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