बेंगलुरु में प्राइवेट ट्रांसपोटर्स द्वारा 11 सितंबर को ‘बेंगलुरु बंद’ की योजना बनाई जा रही हैं। जिसका कारण व्यवसाय में हो रहा भारी नुकसान बताया जा रहा है। अब कांग्रेस सरकार की ‘शक्ति योजना’ के विरुद्ध ट्रांसपोर्टर्स 11 सितंबर को ‘बेंगलुरु बंद’ की योजना बना कर हड़ताल कर सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 32 परिवहन संघों का कहना है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई ‘शक्ति’ योजना से उन्हें काफी नुकसान हुआ है और बेंगलुरु, मंगलुरु और उडुपी जैसे शहरों में प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के मालिक इसके नुकसान से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
आपको बता दें, शक्ति योजना कांग्रेस द्वारा कर्नाटक की महिलाओं को मुफ्त में बस यात्रा का लाभ प्रदान करने के लिए बनाई गई थी। लेकिन अब इस योजना की वजह से कर्नाटक की जनता को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और यह मुफ्त योजना अब कर्नाटकवासियों पर ही भरी पड़ती जा रही हैं।
कर्नाटक में जब से इस योजना की शुरुआत हुई हैं तब से महिला यात्रियों की संख्या में तेज़ी से बढ़त देखी गई हैं। जिससे प्राइवेट ट्रांसपोर्ट को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
अब प्राइवेट ट्रांसपोटर्स इसको लेकर माँग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रत्येक ड्राइवर के लिए 10,000 की वित्तीय सहायता और बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध होना चाहिए। वे ऐप-आधारित एग्रीगेटर्स पर पूर्ण प्रतिबंध की भी मांग कर रहे हैं। असंगठित क्षेत्र के ड्राइवरों को समर्थन प्रदान करने के लिए एक निगम की स्थापना की भी मांग हो रही है। साथ ही ड्राइवर के बच्चों के लिए छात्रवृति, कम ब्याज दरों में ऋण जैसी कई मांगे भी की जा रही हैं। अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की योजना बनाने वालों में प्राइवेट बस ड्राइवर से लेकर ऑटो रिक्शा, प्राइवेट टैक्सी, कैब और स्कूली बसें शामिल हैं।
वहीं ‘फेडरेशन ऑफ़ कर्नाटक स्टेट प्राइवेट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ के एक अधिकारी ने बताया ‘कि राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी द्वारा कार्रवाई का वादा दिए जाने के बाद हड़ताल पहले 27 जुलाई के लिए की गई थी मगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई। इसी के परिणामस्वरूप अब ट्रांसपोटर्स मिलकर एक बार फिर हड़ताल की योजना बना रहे हैं।’
यह भी पढ़े : जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को 538 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में ED ने किया गिरफ्तार