डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के हिंदू धर्म विरोधी बयान के बाद विवाद जारी है। कई कांग्रेस नेताओं द्वारा स्टालिन का समर्थन किया गया है। इसी बीच जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (सितंबर 6, 2023) को डीएमके नेता के बयान पर उचित जवाब देने की बात कही है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से पहले हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की हिंदू धर्म की टिप्पणी पर ‘उचित प्रतिक्रिया’ की जरूरत है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को ‘भारत बनाम इंडिया’ विवाद पर टिप्पणी न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि इतिहास में न जाकर संविधान के अनुसार तथ्यों पर टिके रहें। साथ ही मुद्दे की समसामयिक स्थिति के बारे में ही बोलें। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि इस मामले पर केवल अधिकृत व्यक्ति को ही बोलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने हिंदू धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से करते हुए इसे मिटाने की बात की थी। उनका मानना है कि हिंदू धर्म को नष्ट किया जाना चाहिए। इस टिप्पणी ने हिंदू धर्म का पालन करने वालों की भावनाओं को चोट पहुँचाने के साथ ही राजनीतिक विरोध को भी जन्म दिया था। हालांकि स्टालिन के बयान के बाद विपक्षी गठबंधन के कई नेताओं ने उनका समर्थन करते हुए विवादित बयानों का सिलसिला जारी रखा है।
स्टालिन के समर्थन में कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा है कि कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है और यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास एक इंसान होने की गरिमा है, मेरे अनुसार वह धर्म नहीं है। इसलिए यह एक बीमारी ही है।
वहीं, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम का कहना है कि तमिलनाडु की आम बोलचाल में ‘हिंदू धर्म’ का अर्थ जाति पदानुक्रमित समाज है। जो लोग हिंदू धर्म की वकालत कर रहे है वह विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग से आते हैं। साथ ही वे इस ‘पदानुक्रम’ के लाभार्थी हैं।
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