महिला उत्थान हो, महिला सुरक्षा या फिर महिलाओं का वित्तीय और आर्थिक विकास, मोदी सरकार द्वारा पिछले नौ वर्षों में कई कार्यक्रम चलाए गए जिनसे महिलाओं को इन क्षेत्रों में मदद मिली।
महिलाओं के बेहतर कल को लेकर योजनाएं लागू की जाती रही हैं। फिर चाहे हाउस वाइफ हो, वर्किंग वुमेन हो, सिंगल मदर हों या प्रेग्नेंट वुमेन, हर महिला को सामान्य लाभ और अधिकार दिलाने के लिए वर्तमान केंद्र सरकार निरंतर कार्य करती रही हैं।
इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा हाल ही में जारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि देश में करीब 3 करोड़ 32 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 13,650 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से उनके संबंधित बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं।
महिलाओं को आर्थिक मदद देने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं में से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना महिलाओं के लिए आर्थिक मदद की एक बड़ी योजना है।
राजस्थान में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को अब एक नई पहल, यानी गोद भराई समारोह के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसकी जानकारी ट्विटर पर राजस्थान के दौसा से भाजपा संसद सदस्य श्रीमती जसकौर मीणा ने देते हुए लिखा;
“प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने सम्पूर्ण भारत में असंख्य महिलाओं के जीवन को प्रभावित किया है। दौसा में हम इस योजना को ‘गोद भराई’ समारोह के रूप में मनाते हैं, जहां सभी गर्भवती महिलाएं एक साथ एकत्र होती हैं और उन्हें उनके बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ‘पोषण किट’ दिया जाता हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई इस दूरदर्शी पहल ने विशेष रूप से राजस्थान के दौसा में माताओं के सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत की है और अकेले राजस्थान में ही 2022 से 2023 में इस योजना से लगभग 3.5 लाख महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह योजना महिलाओं को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। इससे माताओं के साथ साथ शिशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित हो रही है।
क्या है PMMVY स्कीम?
PMMVY स्कीम यानी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली एक मैटरनिटी लाभ योजना है। जिसके तहत महिलाओं को आर्थिक मदद की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार और इलाज तथा दवाओं के खर्च के लिए आर्थिक मदद करना है। इस योजना को वर्ष 2017 में लागू किया गया था।
इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के खाते में साल में 5,000 रुपए डाले जाते हैं। यह 5000 रुपए तीन किस्तों के जरिए डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दिए जाते हैं।
जिसमें पहली क़िस्त 1,000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दूसरी क़िस्त 2,000 रुपए यदि लाभार्थी छ महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम प्रसव से पहले एक बार जांच करने के बाद दी जाती है। वहीं तीसरी और आखिरी क़िस्त 2,000 रुपए जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस-B सहित पहले टिके का समय शुरू होता है तब किया जाता है।
सरकार प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ उन महिलाओं को नहीं देती जो किसी भी केंद्रीय या फिर राज्य सरकार के उपक्रम से जुड़ी हुई है। यह योजना केवल उन महिलाओं के लिए शुरू की गई है जो डेली वेज स्केल में काम कर रही हैं या फिर जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमज़ोर है।
पहले महिलाओं को इस योजना का लाभ केवल पहली संतान होने पर ही दिया जाता था लेकिन पिछले वर्ष से सरकार द्वारा इसमें बदलाव किए गए। अब अगर महिला दूसरी संतान को जन्म देती है और अगर वह बेटी है तो ही महिलाओं को यह सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
जिसमें 5,000 रुपए से गर्भवती महिला को इलाज और दवाओं के खर्च में मदद मिलती है। साथ ही, इस आर्थिक मदद के मिलने से गर्भवती महिलाओं को आराम करने का समय भी दिया जाता है।
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का ही यह परिणाम है जिससे मैटरनल मोर्टेलिटी रेशो और इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी में सुधार देखा गया है। जहाँ वर्ष 2014-15 में मातृ मृत्यु दर 130 से घटकर 2018-20 में 97 प्रति लाख हो गई हैं। इसके साथ ही भारत में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी वर्ष 2008-09 में 70.6 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 95.5 प्रतिशत हो गई है।
वहीं 2022 की PIB की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 3.11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को नामांकित किया गया और 2.77 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 12,150 करोड़ रुपए से अधिक का मातृत्व लाभ वितरित किया गया है।
आज सरकार की इस अनूठी पहल से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से माताएं सशक्त बन रही है और अपने जीवन में बेहतर बदलाव भी कर पा रही हैं।
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