प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई 2023 को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के नए अंतरराष्ट्रीय एअरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री यह उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 10:30 बजे करेंगे। एअरपोर्ट टर्मिनल की इस नई इमारत को कई विशेषताओं के साथ बनाया गया है।
पोर्ट ब्लेयर के इस नए एअरपोर्ट टर्मिनल को 710 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। यह अब अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह की उड़ानों के लिए एकीकृत टर्मिनल का कार्य करेगा। इस नए टर्मिनल में 50 लाख यात्री प्रति वर्ष संभालने की क्षमता है। यह एयरपोर्ट अब मध्यम आकार के विमानों जैसे कि बोईंग 767 और एयरबस ए320 के लिए भी उपयुक्त है।
नए एअरपोर्ट टर्मिनल को शंख की डिजाइन में बनाया गया है जो कि पोर्ट ब्लेयर के समुद्री पारिस्थितिकीतंत्र से जुड़ाव को दर्शाता है। इस एयरपोर्ट का नाम वर्ष 2002 में बदलकर भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर रखा गया था। वीर सावरकर को अंडमान की ही कालापानी जेल में रखा गया था।
नया और बड़ा एअरपोर्ट मिलने से अंडमान निकोबार का शेष भारत और विश्व से जुड़ाव बढ़ सकेगा। गौरतलब है कि नए एअरपोर्ट में 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा प्लांट भी लगाया गया है जिससे एयरपोर्ट अपनी ऊर्जा जरूरतों को स्वच्छ स्रोतों से पूरा कर सके। इसके अतिरिक्त, एयरपोर्ट में उपयोग होने वाले पानी को साफ़ करके उसे दुबारा उपयोग में लाया जाएगा।
केंद्र सरकार अंडमान को मालदीव की तरह ही विश्व के प्रमुख टूरिस्ट स्थल के रूप में विकसित करना चाहती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। वर्ष 2022 में अंडमान में लगभग 1.36 लाख यात्री आए जिनमें से २,500 विदेशी थे जबकि वर्ष 2023 में यह संख्या बढ़कर 3,470 हो गई। इस वर्ष यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
बीते कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के विकास के लिए कई परियोजनाएं लाई हैं। इसके अंतर्गत निकोबार द्वीप पर एक बड़ा ट्रांस शिपमेंट पोर्ट बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, इसी द्वीप पर एक नए एअरपोर्ट बनाने की भी योजना है जिसका उपयोग नागरिक फ्लाइट और सेना दोनों कर सकेंगी।
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