हर राजघराने जैसे मेवाड़, जोधपुर, बीकानेर आदि के अपने-अपने सीक्रेट थे, जो वह किसी को नहीं बताते। केसर कस्तूरी बनाने की अपनी-अपनी विधियाँ थी।

हाल ही में काशी स्थित ज्ञानवापी मुद्दे पर यदुनाथ सरकार द्वारा लिखित इतिहास की अहम भूमिका रही। वाराणसी में औरंगजेब द्वारा विश्वनाथ मंदिर के विनाश के साक्ष्य साकी मुस्तैद खान द्वारा फारसी में लिखित मासीर-ए-आलमगिरी में उल्लेखित है, जिसका अनुवाद यदुनाथ सरकार ने ही किया था।

इतिहास का लेखन कुछ इस रूप में किया गया है कि जयपुर रियासत और उसके शासकों को सदा नकारात्मक दृष्टिकोण से ही देखा गया है। इतिहास एकाकी नहीं है, बहुत विशाल है और हम महानायकों का विश्लेषण कुछ अनुच्छेदों में नहीं कर सकते। ऐसे ही एक नायक हैं जयपुर के निर्माता सवाई जय सिंह। 21 सितंबर को उनकी पुण्यतिथि है।

त्रिपुरा के धलाई जिले के 62 जनजातीय गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम आवास योजना के अन्तर्गत चिन्हित किया गया है।

छोलिया नृत्य मूलतः तलवार के साथ किया जाने वाला नृत्य है और इसका इतिहास बहुत पुराना है। देखा जाए तो यह नृत्य जूडो, कराटे, कुंग फू, ताइक्वांडो जैसे मार्शल आर्ट की तरह ही है।

जब भगवान श्री राम का राज्याभिषेक हुआ था, तब भी विश्व की चारों दिशाओं के समुद्रों और नदियों का जल इसी तरह कलशों में भरकर लाया गया था। वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड के 128वें सर्ग में बताया गया है कि कैसे भरत जी ने यह योजना बनाई, सुग्रीव ने इसे और बड़ा रूप दिया

ब्रिटिश राज के विरुद्ध कई क्रांतिकारियों का जन्म हुआ। ऐसा ही गौरवशाली नाम प्रीतिलता वादेदार का है, जिन्होंने आज ही के दिन देश के लिए बलिदान दिया था।

इजरायल के खिलाफ घृणास्पद पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एयर कनाडा ने एक पायलट को नौकरी से निकाला दिया है।

अयोध्या और भगवान श्रीराम से श्री रामानुजाचार्य का गहरा नाता रहा है। उन्हें शेषनाग का अवतार और भगवान राम के छोटे भाई यानि राम के अनुज रामानुज लक्ष्मण का अवतार माना जाता है। अयोध्या में श्री रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण इसी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व को उजागर करता है।

पिछले एक दशक में आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में भारत को विकसित होते देखना उत्साहवर्धक…

डीएन झा का यह दावा कि नालंदा महाविहार का विध्वंस ‘हिन्दू कट्टरपंथियों’ ने किया, यह ऐतिहासिक रूप से टिकने लायक दावा नहीं है। प्राथमिक और प्राचीन स्रोतों को नकारकर द्वितीयक और अर्वाचीन स्रोतों के आधार पर यह काल्पनिक दावा इतिहास के साथ छल है।

मामला कर्नाटक के एक गाँव का है। इस गाँव में 25 जून 2015 को 21 साल की एक लड़की की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई। फिर उसकी लाश के साथ बलात्कार किया गया।

इंडियन होमरूल सोसायटी के संस्थापक पंडित श्यामजी कृष्ण वर्मा का आज ही के दिन 4 अक्टूबर, 1857 को गुजरात के माण्डवी में हुआ था।