कर्नाटक विधानसभा में लगे पाकिस्तान समर्थित नारों के बाद बीजेपी द्वारा राज्य में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। इसी बीच बेंगलुरु में पुलिस द्वारा कर्नाटक बीजेपी कार्यकर्ताओं को उनकी तिरंगा यात्रा के दौरान हिरासत में ले लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनावों के परिणाम के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार सैयद नसीर हुसैन की जीत के बाद हुए जश्न के दौरान पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने का मामला सामने आया था। जब भाजपा नेताओं के द्वारा इसपर विरोध प्रदर्शन किया गया तो राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि पाकिस्तान समर्थित नारों की जांच में पुष्टि होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, मामले में फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी सामने आ गई है जिसमें सामने आया था कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है और ऑडियो में पाकिस्तान समर्थित नारे सुने जा सकते हैं।
हालांकि रिपोर्ट सामने आने के बाद भी कर्नाटक के गृहमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने सफाई पेश करते हुए कहा था कि वे निजी लैब की रिपोर्ट को नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि हम गृह विभाग की फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार ही कार्रवाई करेंगे। वे बार-बार हमारी सरकार पर इस मुद्दे को छिपाने का आरोप लगा रहे हैं, वे हर दिन यह कह रहे हैं, हमें कुछ भी छिपाने की जरूरत नहीं है।
वहीं राज्य के उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को अभी तक रिपोर्ट का संज्ञान ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में पता नहीं है। मैं इसकी जांच करुंगा, और आपको जानकारी दूंगा। इसके साथ ही सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि यह रिपोर्ट अनिर्णायक है।
इसी मामले को लेकर राज्य की भाजपा इकाई द्वारा विरोध प्रदर्शन के रूप में तिरंगा मार्च निकाला जा रहा था। हालांकि इस विरोध प्रदर्शन को रोकते हुए बेंगलुर पुलिस ने बीजेपी नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
इससे पहले कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यूटी खादर ने कहा था कि हम विधानसभा में हुए कथित घटनाक्रम की निंदा करते हैं। जिन्होंने यह किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह अध्यक्ष के अधिकार से बाहर है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में जांच के लिए मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री के साथ चर्चा करेंगे। साथ ही उन्होंने सभी दलों से एकता बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि पार्टियों के बीच कोई एकता नहीं होने से इन तत्वों को फायदा होता है और इससे वे ऐसा करते रहेंगे।
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