केंद्र की एनडीए सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना है जिसे इस वर्ष फरवरी महीने में लॉन्च किया गया था। लॉन्च किये जाने के मात्र छह महीनों में लगभग 4 लाख rooftop solar connections लगाए जा चुके हैं, यानी 50% से ज़्यादा की वृद्धि और वो भी केवल कुछ ही महीनों में।
यह न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यानी एक वो भारत था जब दूर दराज के गावों में बिजली पहुंचना भी मुश्किल था और एक आज का भारत है, जब गांव तक हर घर बिजली पहुँचाने के बाद अब मोदी सरकार गांव में ही सौर ऊर्जा की मदद से बिजली उत्पन्न करवा रही है। यही है नया भारत। यही है प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाला भारत।
आपको बता दें, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना को 29 फरवरी को 75,021 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंज़ूरी दी गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य solar rooftop capacity को बढ़ाना और लोगों को अपनी बिजली उत्पन्न करने में सक्षम बनाना है। योजना का उद्देश्य आवासीय घरों को सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है जिससे न केवल उनके बिजली के बिल में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा।
सौर ऊर्जा का उपयोग करने के फायदे
पहला फायदा, सौर ऊर्जा की मदद से बिजली के बिल को कम किया जा सकता है।
दूसरा फायदा, सौर ऊर्जा का उपयोग करके घरों को ऊर्जा स्वतंत्र बनाने में मदद मिलती है जो की विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।
तीसरा फायदा, इस योजना का सामाजिक प्रभाव भी गहरा होगा। जब लोग सौर ऊर्जा का उपयोग करेंगे, तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लोग, जो महंगी बिजली की लगातार सप्लाई के लिए संघर्षरत रहे हैं। ऐसे नागरिकों को इस योजना से बड़ा लाभ होगा।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को लेकर सरकार का लक्ष्य 2027 तक आवासीय सौर क्षमता को 30 गीगावॉट तक बढ़ाना है। विशेषज्ञों के अनुसार, “यह योजना भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। इसके साथ ही यह योजना न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाएगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
वैसे आपको यह भी बता दें कि सरकार ने solar rooftop units को अपनाने के लिए कई incentives लिए हैं और इनकी घोषणा भी की है। जैसे, सरकार ने सौर पैनलों के लिए सब्सिडी को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा, घरों को कम से कम 7% की ब्याज दर पर ऋण भी प्रदान किया है।
तो वहीं, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘पीएम सूर्य घर योजना के तहत अब तक लगभग 4 लाख ‘सौर छत कनेक्शन’ स्थापित किए गए हैं। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि लोग अब सौर ऊर्जा को एक विकल्प के रूप में अपनाने लगे हैं। छह महीनों में 1.8 गीगावॉट की नई आवासीय ‘सौर छत क्षमता’ की स्थापना हुई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।’
जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह भारत की कुल आवासीय ‘सौर छत क्षमता’ के आधे से अधिक है। मार्च तक, भारत में स्थापित आवासीय ‘सौर छत क्षमता’ लगभग 3.2 गीगावॉट थी, जो देश में स्थापित कुल इकाइयों का 27 प्रतिशत है। यह वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि लोग नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति जागरूक हो रहे हैं और इसे अपनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं।
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