प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शुक्रवार (16 सितम्बर, 2022) को उज्बेकिस्तान स्थित समरकंद में शंघाई संगठन सहयोग (एससीओ) की बैठक को सम्बोधित किया। हिन्दी भाषा में सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर प्रगतिशील हैं”।
यूरेशियाई क्षेत्र में एससीओ की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, “एससीओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या भी एससीओ देशों में निवास करती है। भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।”
पीएम मोदी के सम्बोधन की खास बातें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, “कोविड महामारी और यूक्रेन के संकट से वैश्विक सप्लाई चेन में कई बाधाएं उत्पन्न हुई, जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है।”
पीएम मोदी ने कहा, एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त, रेसिलिएंट और विविधता वाली सप्लाई चेन्स विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक-दूसरे को ट्रांसिट का पूरा अधिकार दें।
भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्टअप
पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स हैं, जिनमे से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। हमारा यह अनुभव कई अन्य एससीओ सदस्यों के भी काम आ सकता है। इसी उदेश्य से हम एक नए ‘स्पेशल वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार्टअपस् एण्ड इनोवेशन’ की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।”
पीएम मोदी ने भारत के विजन को सामने रखते हुए कहा, “इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक होगी। हमारे ‘पीपुल सेन्ट्रिक डेवलपमेन्ट मॉडल’ में तकनीक के उचित उपयोग पर भी बहुत फोकस दिया जा रहा है। हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं।”
मिलेट फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन करे एससीओ
खाद्य सुरक्षा पर चिन्ता जताते हुए पीएम मोदी ने कहा, “विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है- और यह है हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना। इस समस्या का एक संभावित समाधान है, मिलेट्स की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना। मिलेट्स एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ एससीओ देशों में, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है, और खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है। वर्ष 2023 को ‘यूएन इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ के रूप में मनाया जाएगा। हमें एससीओ के अंतर्गत एक ‘मिलेट फ़ूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए।”
वैश्विक पारंपरिक मेडिसिन, भारत की पहल
पीएम मोदी मेडिकल वेलनेस पर कहा, “भारत आज विश्व में मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म के लिए सबसे किफायती जगह में से एक है। अप्रैल 2022 में गुजरात में ‘डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेन्टर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन’ का उद्घाटन किया गया। पारंपरिक चिकित्सा के लिए यह डब्ल्यूएओ का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेन्टर होगा। हमें एससीओ देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। इसके लिए भारत एक नए ‘एससीओ वर्किंग ग्रुप ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन’ पर पहल लेगा।”