मंगलवार 26 दिसम्बर को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात की और संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवीय सहायता और समर्थन देने के लिए भारत का धन्यवाद दिया। साथ ही जेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से ‘शांति सूत्र’ के कार्यान्वयन की मांग भी की।
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने ट्वीट कर कहा, “मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और G20 की सफल अध्यक्षता की कामना की। इसी मंच पर मैंने शांति फॉर्मूला की घोषणा की थी और मैं इसके सफल होने में अब भारत की भागीदारी पर भरोसा करता हूँ। मैंने संयुक्त राष्ट्र में मानवीय सहायता और समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया।”
टेलीफ़ोन वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के अधिकारियों से भारतीय छात्रों की शिक्षा की व्यवस्था करने का अनुरोध किया, जिन्हें इस वर्ष की शुरुआत में यूक्रेन से वापस आना पड़ा था।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच इसी वर्ष अक्टूबर माह में फोन पर बात हुई थी। उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है। साथ ही इस बातचीत में पीएम मोदी ने शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के साथ कूटनीति और संवाद की राह पर लौटने के अपने आह्वान को दोहराया था।
ज्ञात हो कि कुछ दिनों पूर्व 16 दिसम्बर को ही पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की फोन पर एक दूसरे से बातचीत हुई थी और पीएम मोदी ने यूक्रेन रूस के बीच चल रहे संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समाधान करने के अपने आह्वान को दोहराया था।
ज़ेलेंस्की की यह वार्ता इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी देश रूस से भारत के रियायती मूल्य पर तेल के आयात की आलोचना करते रहे हैं। भारत ने दोहराया है कि वह आम लोगों की जरूरतों को पहले रखेगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध से विश्व स्तर पर बड़े पैमाने पर भोजन और ईंधन संकट पैदा हो गया है। ऐसे युद्ध में भारत ने न केवल एक तटस्थ रुख अपनाया बल्कि युद्ध को समाप्त करने के लिए सदैव संवाद का समर्थन किया।