प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) को लेकर स्थिति को स्पष्ट किया है, उन्होंने देश में अलग-अलग कानूनों को लेकर भी बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन तलाक और यूनिफार्म सिविल कोड के मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा मुसलमानों को भड़काया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे व्यक्ति के लिए अलग क़ानून हो तो क्या घर चल सकता है, ऐसे में देश कैसे चल पाएगा? उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में समान नागरिक अधिकार की बात की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह राजनीतिक दल मुसलमान-मुसलमान करते हैं लेकिन अगर ये सच्चे हितैषी होते तो मुसलमान परिवार शिक्षा में पीछे ना होते।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार बार डंडा मारती है कि कॉमन सिविल कोड लाओ, लेकिन वोट बैंक के ये भूखे लोग ऐसा नहीं करते। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने तीन तलाक़ पर भी बात की, उन्होंने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध करने वाले तीन तलाक का समर्थन करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तीन तलाक़ का पक्ष लेने वाले मुस्लिम बेटियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस बेटी को तीन तलाक के आधार पर घर से निकाल दिया जाए तो पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई मुस्लिम राष्ट्रों ने भी इस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। उन्होंने इसके लिए मिस्र और पाकिस्तान का उदाहरण भी दिया।
तीन तलाक को लेकर प्रधानमंत्री ने मुस्लिम देशों का भी हवाला दिया, उन्होंने कहा कि मिस्र, बांग्लादेश, पाकिस्तान और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी तीन तलाक़ को मान्यता नहीं है। पसमांदा मुस्लिमों को लेकर भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान बात की, उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की नीतियों की वजह से पसमांदा मुस्लिम खराब स्थिति में हैं।
भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री ने तथ्यों और तर्को के साथ लोगों के ब्नीच जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब आप इन सभी बातों को लेकर उनके बीच जाएंगे तो मुसलमान भाई बहन आपकी बात जरूर सुनेगे।
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