16 सितम्बर,2022 को भारत के प्रधानमंत्री मोदी मध्य एशिया के देश उज्बेकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर समरकंद में SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल हुए। भारत 2017 से ही शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य है। यहाँ पर उन्होने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के नेताओं की बैठक में भाग लिया।
इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी की तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप आर्दोआन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। प्रधानमंत्री मोदी की रूसी राष्ट्रपति को दी गई सलाह- नॉट एन एरा ऑफ वॉर-यानी, यह युद्ध का समय नहीं अब वैश्विक स्तर पर चर्चा में है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने UNGC की बैठक में वैश्विक नेताओं को कहा कि पीएम मोदी ने पुतिन को जो भी कहा, वह सही है। इसी तरह ह्वाइट हाउस से अमेरिका के NSA जेक सलिवान का भी यह संदेश आया कि मोदी का संदेश ‘सैद्धांतिक संदेश’ है और अमेरिका इसका स्वागत करता है।
सम्मेलन की शुरुआत
शंघाई सहयोग संगठन के इस सम्मलेन की शुरुआत इसके सदस्य देशों के नेताओं के उज्बेकिस्तान में आने के साथ ही शुरू हुई, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आदि इस बैठक में सबसे पहले पहुँचने वालों में से थे जहाँ इन दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।
15 सितम्बर की रात्रि को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद पहुंचे, इसके अगले दिन उन्होंने सभी सदस्य देशों के नेताओं के साथ फोटो में शामिल होने के बाद SCO के सदस्य देशों की बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक में पहुंचे PM मोदी का स्वागत मेजबान देश उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्ज़ियेयोव ने किया। SCO की सदस्य देशों की बैठक में पाकिस्तान, चीन एवं रूस आदि के भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मौजूद रहे। इस बैठक में शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता भी भारत को सौंपी गई।
इसी के साथ ही उज्बेकिस्तान ने बैठक में ईरान को पूर्ण सदस्य बनने पर बधाई दी।
प्रधानमंत्री का वक्तव्य
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य की शुरुआत यूक्रेन-, खाद्य सुरक्षा और कोविड के द्वारा विश्व में आपूर्ति में आई समस्याओं पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में अन्य देशों द्वारा अपनी भूमि से रास्ता दिए जाने का मुद्दा उठाया, उनका निशाना पाकिस्तान की तरफ था, उन्होंने अफगानिस्तान को खाद्य रसद भेजने में हुई देरी का मुद्दा भी उठाया, गौरतलब है कि पाकिस्तान द्वारा रास्ता देने में आनाकानी के कारण ही भारत द्वारा खाद्य रसद भेजने में देरी हुई थी।
प्रधानमंत्री ने भारत को विश्व का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की भी बात SCO बैठक में दोहराई। उन्होंने भारत में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न में आई बढ़ोत्तरी की प्रशंसा भी SCO के पटल पर की। उन्होंने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति को बैठक की उच्च कोटि की मेजबानी के लिए धन्यवाद करते हुए अपने वक्तव्य का अंत किया।
अन्य नेताओं के वक्तव्य
प्रधानमंत्री मोदी के बोलने बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने बोलना चालू किया, उन्होंने पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ की तबाही, अफगानिस्तान के मुद्दे और और पाकिस्तान के आतंकवाद से पीड़ित होने की बात कही। पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ से हुई जन-धन की हानि पर बात करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भावुक हो गए।
उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री मोदी की रास्ता देने वाली बात को सन्दर्भ लेते हुए कहा कि चीजें सामान्य होने पर रास्तों का अधिकार खुद ही आ जाएगा।
इसके बाद रूस के राष्ट्रपति ने यूरोपीय देशों के द्वारा रूस की खादों को प्रतिबंधित करने की आलोचना की और साथ ही हर देश की संप्रभुता का सम्मान करने की बात कही। वहीं चीन के राष्ट्रपति ने भारत के SCO का अध्यक्ष बनने पर बधाई दी और कहा कि हम भारत का सहयोग करेंगें।
प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय वार्ताएं
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सदस्यों की बैठक में भाग लेने के बाद द्विपक्षीय वार्ताओं में भाग लिया, जहाँ उन्होंने तुर्की, रूस और ईरान के राष्ट्रपति से वार्ता की।
सबसे पहले प्रधानमंत्री ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप आर्दोआन से द्विपक्षीय बैठक की, तुर्की के राष्ट्रपति के द्वारा कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाने के कारण भारत और तुर्की के रिश्तों में बर्फ जम गई थी, जिसे तोड़ने का प्रयास प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बैठक के द्वारा किया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करते हुए उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध की तरफ इशारा करते हुए कहा कि “आज का समय युद्ध का नहीं है”, उन्होंने बातचीत और राजनयिक संबंधों के द्वारा किसी भी मुद्दे को हल करने की बात कही।
प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य की चर्चा पूरे विश्व भर के मीडिया में हो रही हो है, अमेरिका के प्रमुख अखबारों न्यू यॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट ने इस वक्तव्य को अपनी सुर्ख़ियों में जगह दी।
वहीं, भारत के प्रधानमंत्री से बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए पुतिन ने कहा कि “प्रधानमंत्री जी हम आपकी चिंताओं को समझते है व इन्हें आप साझा भी करते रहे हैं, हम यह चाहते हैं कि यह स्थितियाँ जल्द ही खत्म हो जाएं।” पुतिन ने हल्के-फुल्के अंदाज में प्रधानमंत्री से कहा कि हम जानते हैं कि कल आपका जन्मदिन है, लेकिन रूसी परम्पराओं के मुताबिक़ हम अग्रिम शुभकामनाएं नहीं दे सकते।
पुतिन से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी से वार्ता की। दोनों देशों के नेताओं के बीच अफ़ग़ानिस्तान, ईरान और अन्य देशों के साथ चल रही परमाणु वार्ता तथा चाबहार पोर्ट जैसे मुद्दों पर बातचीत का आदान प्रदान हुआ।
इसी के साथ ही प्रधानमंत्री की समरकंद यात्रा का समापन हो गया, जहाँ से उन्होंने दिल्ली के लिए उड़ान भरी।