भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान के एक दिवसीय दौरे पर हैं, वहां वह जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के उद्देश्य से गए हैं। साथ ही, उन्होंने जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से वार्ता की।
उधर भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर अमेरिका में हैं, जहाँ वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शिरकत करने के बाद अब अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात कर रहे हैं। इन सब बैठकों व यात्राओं के पीछे भारत की कूटनीति को वैश्विक स्तर पर सफल बनाने का जोरों-शोरों से प्रयास चल रहा है।
आबे ‘सान’ को मोदी की अंतिम विदाई
भारत के हित में सदैव रहने वाले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की विगत जुलाई में एक सरफिरे बंदूकधारी ने एक रैली के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी थी। जापानी परम्पराओं के अनुसार उनका राजकीय अंतिम संस्कार अब यानी दो माह बाद सितम्बर में किया जा रहा है।
आबे के अंतिम संस्कार में पूरी दुनिया से बड़े नेता जापान पहुंचे हुए हैं। भारत की तरफ से अपने अद्वितीय मित्र आबे को अंतिम विदाई देने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी जापान गए हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ के आधिकारिक अंतिम संस्कार में नहीं गए थे।
शिंजो आबे की दुखद और आसामयिक मृत्यु पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक काफी भावुक पत्र लिखा था, इस पत्र में उन्होंने आबे को ‘आबे सान’ कहकर संबोधित किया था। दरअसल जापान में किसी व्यक्ति के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए उसके नाम के आगे ‘सान’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
प्रधानमंत्री किशिदा से मुलाक़ात
अपनी जापान यात्रा के दौरान आबे के अंतिम संस्कार से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 27 सितम्बर यानी आज सुबह जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने आबे की मृत्यु पर शोक प्रकट किया। भारत और जापान के गहरे द्विपक्षीय रिश्तों के लिए मोदी ने आबे के योगदान को भी याद किया।
साथ ही उन्होंने आबे के एशिया-प्रशांत महासागर क्षेत्रों के मुक्त और सबके लिए खुले रहने की वकालत करने के योगदानों को भी याद किया। गौरतलब है कि आबे ने चार देशों की के समूह QUAD बनाने और चीन के खतरे का सामना करने के लिए भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रलिया और जापान की साझेदारी बढ़ाने की तरफ काफी काम किया था।
इसके अतिरिक्त दोनों नेताओं ने भारत-जापान के द्विपक्षीय रिश्तों को और सुदृढ़ बनाने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की भी बात की। दोनों नेताओं में कई वैश्विक और क्षेत्रीय विषयों पर चर्चा की। साथ ही मोदी और किशिदा ने आपसी सहयोग को वैश्विक मंचों पर बढ़ाने और क्षेत्र के विकास में बढ़ोत्तरी की वार्ता भी की।
जयशंकर वाशिंगटन में, ऑस्टिन से मुलाकात
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं, वहां वह विभिन्न बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। इसी क्रम में जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया। दोनों की वार्ता से पहले जयशंकर के स्वागत में सैन्य सम्मान दिया गया।
वार्ता के बारे में जयशंकर ने ट्वीट करके जानकारी दी। उन्होंने कहा रक्षा सहयोग भारत और अमेरिका के आपसी सहयोग की नींव हैं। मुलाक़ात के दौरान मैंने और रक्षा मंत्री ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते नीति के आपसी आदान-प्रदान, रक्षा सौदों और साथ होने वाले युद्धाभ्यास के बारे में बात की।
जयशंकर ने आगे बताया कि दोनों ने एक-दूसरे से रूस-यूक्रेन संघर्ष, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हो रहे बदलावों और सामुद्रिक क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर बात की।
जयशंकर ने इससे पहले अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना राइमोन्डो से भी वार्ता की जहाँ दोनों नेताओं ने देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने, तकनीकी सहयोग और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग के बारे में विचार साझा किए।