77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही शहरों में रहने वाले मध्यवर्गीय परिवारों और गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए एक योजना शुरू करेगी जिसमें उन्हें ब्याज दरों पर सब्सिडी दी जाएगी। योजना का उद्देश्य उन शहरों में बसे उन भारतीयों के लिए आसान क्रेडिट उपलब्ध करवाना होगा जिनके पास अपना घर नहीं है।
भारतीय शहरों में आवास की बड़े पैमाने पर कमी है, विशेषकर निम्न-आय वर्ग के लिए। जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना—अर्बन (पीएमएवाई-यू) ने 2015 में शहर में बसने वाले गरीबों के कल्याण हेतु 75 लाख से अधिक घर बनाए हैं, लेकिन मांग अभी भी बरकरार है। आवास ऋण पर ऊंची ब्याज दरों के कारण घर का मालिकाना हक लोगों की पहुंच से दूर रहता है। इस नई योजना का मुख्य लक्ष्य ही इस समस्या का समाधान करना है।
केंद्र सरकार की इस योजना से कमजोर वर्गों को बड़ी राहत मिलेगी। इस योजना से उन्हें होम लोन पर ब्याज सब्सिडी प्राप्त होगी। इसका उद्देश्य वर्तमान में किराए के मकानों, झुग्गियों या अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों शहरी गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहरों में हर मध्यमवर्गीय परिवार का सपना होता है कि वह अपना खुद का घर बनाए लेकिन ऋण पर उच्च ब्याज लागत उनके इस सपने में कठिनाइयां पैदा करती है। मध्यवर्गीय परिवार का हित सोचते हुए उन्होंने इस नई केंद्रीय योजना की शुरूआत करने की बात की।
भारत सरकार की प्रमुख शहरी आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना – अर्बन (पीएमएवाई-यू) नेउल्लेखनीय प्रगति की है। राज्यसभा में सरकार के जवाब के अनुसार, PMAY-U के तहत अब तक कुल 75.51 लाख घर पूरे हो चुके हैं, जिनमें से 71.39 लाख घरों को उन लोगों को दिया जा चुका है जिनके लिए वे बनाए गए हैं।
योजना की कार्यान्वयन अवधि दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दी गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी स्वीकृत घर फंडिंग पैटर्न या कार्यप्रणाली में कोई बदलाव किए बिना पूरे हो जाएं। इस योजना का लक्ष्य 2024 तक सरकार के ‘सभी के लिए आवास’ योजना को मिशन मोड में पूरा करना है।
कुल 12.87 लाख से अधिक घरों के साथ उत्तर प्रदेश इस सूची में शीर्ष पर है, इसके बाद गुजरात 8.80 लाख घरों के साथ और आंध्र प्रदेश 8.08 लाख घरों के साथ है। इस योजना के तहत तमिलनाडु में 5.30 लाख से अधिक घर पूरे हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने इस मिशन के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को अब तक कुल 1.48 लाख करोड़ रुपये की सहायता जारी की है।
नई ब्याज सब्सिडी योजना शहरी गरीबों के लिए घर के सपने को साकार करने की दिशा में एक योग्य कदम है। वित्तीय बाधाओं को कम करके, इसका लक्ष्य 2024 तक कुल 1 करोड़ से अधिक किफायती घरों का निर्माण करना है। इस योजना से न केवल लाखों लोगों को आश्रय मिलेगा, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा और नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही यह बुनियादी आवश्यकता और समावेशी विकास के रूप में आवास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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