प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन के साथ साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्हाइट हाउस में वार्ता की। इस उच्च स्तरीय वार्ता का उद्देश्य रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा और प्रौद्योगिकी समेत भारत-अमेरिका सामरिक सम्बन्धों को प्रगाढ़ और अधिक गति प्रदान करना है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बायडेन के बीच 6 मुख्य क्षेत्रों पर चर्चा की गई है।
रणनीतिक साझेदारी
अमेरिका और भारत वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने अलकायदा, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा जैश-ए-मोहम्मद और हिज्ब सहित सभी संयुक्त राष्ट्र सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई के आह्वान को दोहराया।
आतंकवाद को लेकर चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के समर्थकों को रोकना जरूरी है। दुनिया बदल रही है संस्थाओं को भी बदलने की जरूरत है। दुनिया को नए वर्ल्ड ऑर्डर की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद, कट्टरवाद दुनिया के लिए खतरा है। 9/11 हमले और मुम्बई में 26/11 हमले एक दशक से भी अधिक समय के बाद भी अभी कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। ये विचारधाराएं नई पहचान और नया रूप लेती रहती हैं लेकिन इनके इरादे वही हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा।
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में हालिया राजनीतिक संकट को लेकर दोनों देशों के नेताओं ने गहरी चिंता व्यक्त की है। दोनों नेताओं का कहना है कि मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई होनी चाहिए और सैन्य राज से लोकतांत्रिक राज की ओर बढ़ा जाना चाहिए।
अफगानिस्तान के ताजा हालात पर बात की गई। दोनों नेताओं ने शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराया है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने वर्तमान मानवीय स्थिति पर चर्चा की और अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने वर्ष 2024 में भारत में आयोजित होने वाली क्वाड बातचीत जारी रखने और सहयोग को मजबूत करने को एक अवसर के रूप में बताया। दोनों नेताओं ने हिंद महासागर रिम एसोसिएशन, इंडो-पैसिफिक महासागर पहल, जैसे क्षेत्रीय प्लेटफार्मों के साथ साझेदारी में काम करना जारी रखने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई।
रूस और यूक्रेन के मध्य जारी युद्ध का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा “यह समय युद्ध का समय नहीं हैं। यह समय डॉयलाग और डिप्लोमेसी का है। खून बहाने का नहीं, मानव जीवन की रक्षा का समय है। अन्तरराष्ट्रीय कानून की मान्यता हो।”
वैश्विक विकास
राष्ट्रपति बायडेन ने G7 हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रभावशाली भागीदारी की प्रशंसा की और कहा कि वे सितम्बर 2023 में नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
दोनों नेताओं के बीच डिजिटल पब्लिक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को लेकर भी बातचीत हुई है। चूँकि भारत और अमेरिका समावेशी विकास, प्रतिस्पर्धी बाजारों को बढ़ावा देने और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा के लिए डीपीआई के कार्यान्वयन के लिए वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के लिए मिलकर काम करने की क्षमता और इरादा दोनों रखते हैं इसलिए दोनों देश सुरक्षा, गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और बौद्धिक संपदा के लिए उचित सुरक्षा उपायों सहित मजबूत डीपीआई के विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ साझेदारी कैसे करें इस विषय पर विचार किया जाएगा।
प्रौद्योगिकी
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने अत्याधुनिक वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे पर दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग की सराहना की, जिसमें भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग से अमेरिकी ऊर्जा विभाग की फर्मी नेशनल लेबोरेटरी को 140 मिलियन डॉलर का योगदान दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में काफी प्रगति हुई है। भारत और अमेरिका का रिश्ता भी AI की तरह है। एआई-इंडिया और अमेरिका में और भी महत्वपूर्ण विकास हुआ है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने अंतरिक्ष सहयोग के सभी क्षेत्रों में नई सीमाओं तक पहुंचने के लिए एक नीति निर्धारित की है। दोनों नेताओं ने 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए एक रणनीतिक ढांचा विकसित करने के नासा और इसरो के फैसले की सराहना की गई।
शिक्षा और स्वास्थ्य
दोनों देशों के नेताओं ने भारत के इतिहास और संस्कृति पर शोध और शिक्षण को आगे बढ़ाने के लिए ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन पीठ की स्थापना और शिकागो विश्वविद्यालय में विवेकानंद पीठ को बहाल करने का स्वागत किया है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने 21वीं सदी के लिए व्यापक स्तर पर द्विपक्षीय दवा नीति की दिशा में काम करने की बात कही जिससे दोनों देश में अवैध दवाओं के अवैध उत्पादन और अन्तरराष्ट्रीय तस्करी को रोका जा सकता है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने दोनों देशों की सांस्कृतिक संपत्ति समझौते की दिशा में तेजी से काम करने की बात कही है, जिससे भारत से सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी और सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और वैध आदान-प्रदान को लेकर सहयोग बढ़ेगा।
स्वच्छ ऊर्जा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने अन्तरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के मिशन के लिए अपना समर्थन देने की बात कही है। इसके अलावा बायडेन ने IEA सदस्यता के लिए भारत सरकार, IEA सदस्यों, IEA सचिवालय और अन्य प्रासंगिक हितधारकों के साथ कार्य करने का भी वादा किया है।
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