कर्नाटक चुनाव पूर्व जारी किए गए कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर बहस छिड़ गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार (02-05-2023) को कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घोषणा पत्र कॉन्ग्रेस पार्टी का कम और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का अधिक लग रहा है। सरमा ने कहा कि कॉन्ग्रेस एक बार फिर मुसलमानों के तुष्टीकरण के लिए ऐसा कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र में बजंरग दल को भी प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। ऐसे में कट्टरपंथी संगठन के साथ बंजरग दल की तुलना एवं हिंदू विरोधी धारणा ने कॉन्ग्रेस को एक बार फिर विवादों में घेर दिया है। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पहले से प्रतिबंधित पीएफआई का जिक्र भी किया है और कहा है कि चुनाव जीतने पर वह बजरंग दल एवं पीएफआई पर ‘निर्णायक कार्रवाई’ करेगी।
असम के मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि पीएफआई पहले से ही प्रतिबंधित है। सिद्धारमैया सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान पीएफआई के खिलाफ मामले वापस ले लिए थे। कॉन्ग्रेस मुसलमानों को खुश करने के लिए पीएफआई एवं बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है। कॉन्ग्रेस का घोषणापत्र पीएफआई एवं कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा दिखाई दे रहा है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन से दक्षिणी राज्य में लैंगिक न्याय और मुस्लिम महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित होंगे। भाजपा ने विशेष रूप से सत्ता में वापस आने पर कर्नाटक में यूसीसी को लागू करने का वादा किया है।
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असम के मुख्यमंत्री का कहना है कि कर्नाटक बीजेपी द्वारा एक साहसिक वादा किया गया है और यह पूरे देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मांग की शुरूआत करेगा। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का जिक्र कर कहा कि यह समय की मांग है।
बता दें कि आगामी चुनावों के लिए भाजपा द्वारा दक्षिणी के इस राज्य में बड़े पैमाने पर रैलियों और रोड शो का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं। पार्टी दक्षिण में एकमात्र सत्ता वाले राज्य में जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार कर रही है। वहीं पार्टी द्वारा अपना घोषणा पत्र सोमवार (01-05-2023) को जारी कर चुकी है।
हालांकि 10 मई को होने वाले चुनावों के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र विवाद का विषय बन गया है। कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि; घोषणापत्र को पढ़ें। हम कानून के अनुसार बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करेंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने भी कॉन्ग्रेस के घोषणा की आलोचना करते हुए कहा है कि कॉन्ग्रेस ने पहले राम को ताले में बंद किया अब वो भगवान हनुमान को ताले में बंद करना चाहती है। यह घोषणा भगवान हनुमान की पूजा करने वाले लोगों को ताले में बंद करने का प्रयास है। बता दें कि कर्नाटक में आगामी 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं वोटों की गिनती 13 मई को होगी।