इस्तांबुल के अतातुर्क ओलंपिक स्टेडियम में बीती रात यूरोपियन क्लब फुटबॉल का सबसे बड़ा मुकाबला खेला गया। यूरोपियन चैम्पियन्स लीग के फाइनल मुकाबले में इंजाघी की इंटर मिलान का सामना था पेप गार्डियोला की मैनचेस्टर सिटी से। मैंचेस्टर सिटी इंग्लिश प्रिमियर लीग व एफए कप जीत चुकी थी। अगर आज वह जीत दर्ज कर लेती तो ट्रेबल (एक वर्ष में राष्ट्रीय लीग, कप व यूरोपियन चैम्पियन्स लीग जीत लेना) जीतने में सफल हो जाती। सनद रहे कि होसे मोरिन्हो के नेतृत्व में इंटर मिलान पहले ही यह कारनामा कर चुकी है।
इंटर मिलान पूर्व में तीन बार यह खिताब जीत चुका है। वह चौथी दफा यह खिताब जीतने के लिए लालायित थे। सिटी दो वर्ष पूर्व इस प्रतियोगिता के फाइनल में जरूर था मगर यहाँ अभी तक वो नौसिखिये ही थे। हांलाकि, पेपर पर मैनचेस्टर सिटी के आगे इंटर मिलान की टीम कहीं ठहरती नहीं दिखती थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मैन्चेस्टर सिटी फाइनल मुकाबले में इंटर को बुरी तरह रौंद देगी। परन्तु, अभी एक हफ्ते पूर्व ही स्पेन के विश्व कप व बार्सिलोना के साथ कई दफा चैम्पियन्स लीग की ट्रॉफी उठा चुके सर्जियो बुस्केट्स ने पेप गार्डियोला की मैन्चेस्टर सिटी को चेताते हुए कहा था, “यह मुकाबला बिलकुल भी आसान नहीं होने जा रहा है, यह मैं इस इंटर मिलान की टीम के विरुद्ध ग्रुप स्टेज के दो मैच खेलने के पश्चात कह रहा हूँ।”
भारतीय समयानुसार रात साढ़े बारह बजे मुकाबले का किक-ऑफ हुआ। मैन्चेस्टर सिटी के लिए मैदान में उतरी टीम में अर्लिंग हालांड, केविन डि ब्रुएना, बर्नार्डो सिल्वा, रोड्री, गुंडागोन, स्टोन्स व रुबेन डियाज़ जैसे सितारा खिलाड़ी थे। विश्व विजेता अल्वारेज़ व वाल्कर, फोदेन, लापोर्त आदि विश्वस्तरीय खिलाड़ी बैंच पर थे। इंटर मिलान की टीम एकजुट होकर खेल रही थी। अच्छा तालमेल था व चौकस थे। वह मैनचेस्टर सिटी को अपना नैसर्गिक खेल नहीं खेलने दे रहे थे।
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पहले हाफ की समाप्ति पर स्कोर था 0-0! मैच के छत्तीसवें मिनट में केविन डि ब्रुएना को चोटिल हो मैदान से बाहर जाना पड़ गया था। यही कुछ आज से ठीक दो वर्ष पूर्व भी हुआ था। मैनचेस्टर सिटी का फाइनल मैच चेल्सी से मुकाबला था और उनका सबसे बेहतरीन खिलाड़ी चोटिल होकर मैदान से बाहर जा रहा था। फिर, परिणाम क्या रहा था, सब जानते हैं। सो, एकाएक मैनचेस्टर सिटी के तमाम दर्शकों के मध्य उदासी छा गई थी।
दोनों ही टीमें अब तक विपक्षी गोल पोस्ट पर हमले करने में नाकाम ही रही थीं। केविन डि ब्रुएना की कलात्मकता की कमी मैदान पर साफ दिखाई दे रही थी। एक दफा जरूर मैनचेस्टर सिटी के बेहद घातक फारवर्ड अर्लिंग हालांड ने विपक्षी गोलकीपर की परिक्षा ली थी, लेकिन युवा कीपर ओनाना ने बेहतरीन रिफ्लेक्सेज़ का परिचय देते हुए अच्छा सेव कर अपनी टीम को मुकाबले में बनाए रखा था। मैदान में अपनी पारंपरिक नीली-काली धारियों वाली जर्सी में उतरी,3-5-2 की फॉर्मेशन के साथ खेल रही, इंटर मिलान काफी अच्छा खेल रही थी। यह मुकाबला कहीं से भी एकतरफा नहीं जान पड़ रहा था।
आज से दो वर्ष पूर्व भी पेप गार्डियोला की मैनचेस्टर सिटी चैंपियन्स लीग के फाइनल में थी। चमचमाती ट्रॉफी से मात्र एक कदम दूर। सामने थी थॉमस टुकेल की चेल्सी। उस रात पेप गार्डियोला ने एक बहुत बड़ी गलती कर दी थी। उन्होंने अपने तुरुप के इक्के का सही प्रयोग नहीं किया था। उस रात उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर रहे अपने होल्डिंग मिडफील्डर रोड्री को मैदान पर नहीं उतारा था। इसका खामियाजा उन्होंने मैच व खिताब हारकर भुगता था।
लेकिन बीती रात रोड्री अतातुर्क स्टेडियम की घसियाले मैदान में थे। मैच के अढ़सठवें मिनट में विपक्षी डी के बाहर से रोड्री ने गोल पोस्ट की दिशा में एक तूफानी किक लगाई। उनके व गोल पोस्ट के मध्य मिलान के दो डिफेंडर व गोलकीपर ओनाना थे। मगर इससे पहले किसी को भी कुछ समझ आता, गोली की गति से गेंद गोल पोस्ट के भीतर जा चुकी थी। स्कोर मैनचेस्टर के पक्ष में 1-0 हो चला था। अतातुर्क स्टेडियम में मौजूद हजारों मिलान-समर्थक खामोश थे।
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खैर, अगले बाइस मिनट इंटर मिलान ने बेखौफ अंदाज में मैनचेस्टर सिटी के गोल पोस्ट पर हमले किये। उन्होंने संपूर्ण मैच में गोल पोस्ट पर कुल चौदह शॉट लिए जिसमें से निशाने पर मात्र छह शॉट ही रहे। मिलान 1-0 से मैच हार गई। लाऊतुरो मार्तीनेज़ व लुकाकू के बेहद कमजोर निर्णयों के चलते मिलान आक्रमण करके भी गोल स्कोर न कर सकी।
इंजाघी ने मैच के पश्चात अपने हर एक खिलाड़ी को गले लगाया व कहा कि, “मुझे कोई अफसोस नहीं। हमने पिछले दो वर्षों में चार खिताब जीते हैं व मैनचेस्टर सिटी, जो कि विश्व की सबसे घातक टीम है, के सामने हम डट कर लड़े। हमने घुटने नहीं टेके। मुझे अपने हर एक खिलाड़ी पर गर्व है। हम, यहाँ जल्द फिर लौटेंगे।”
अंततः, मैनचेस्टर सिटी ने वह कर ही दिखाया जिसका सभी को इंतजार था। मैनचेस्टर सिटी चैंपियन्स लीग का खिताब जीत ही गई आखिरकार। मैनचेस्टर सिटी ट्रेबल जीत गई। पेप गार्डियोला दो दफा ट्रेबल जीतने वाले पहले व एकमात्र कोच बन गए। मेस्सी के बाद आखिरकार उन्होंने भी साबित कर दिया कि बार्सिलोना के बिना भी वह जादू कर सकने के काबिल हैं। कल रात एक बेहद खूबसूरत फुटबॉल खेलने वाली टीम अंततः वह खिताब जीत ही गई जिसकी वह हकदार थी।
मुबारक हो पेप।
मुबारक हो मैनचेस्टर।
फॉर नाउ, मैनचेस्टर इज़ ब्लू।