जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में कट्टरपंथियों के मतलब की राजनीति पर खेलने का अब पूरा मन बना लिया है। इसका प्रमाण उनके एक के बाद एक भड़काऊ और कट्टरपंथी बयान दे रहे हैं। अपने एक बयान में हाल ही में उन्होंने कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया, क्योंकि यह मुस्लिम बहुल राज्य है। उन्होंने कहा कि “जब भी वे कोई गलती करते हैं तो पाकिस्तान को सामने रख देते हैं, वे खुद गलती करते हैं और फिर कहते हैं कि हम पाकिस्तानी हैं। वे कहते हैं कि राहुल गांधी और फारूक अब्दुल्ला के बीच गठबंधन पाकिस्तान समर्थित है. हमारा पाकिस्तान से क्या लेना-देना है?” फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं समझता हूं कि ये खुद पाकिस्तानी हैं और हमें खतरा हमें दिखा रहे हैं।
फारुक अनुच्छेद 370 की तड़प से ख़ुद को दूर नहीं कर पा रहे हैं और इसी का संदर्भ देते हुए उन्होंने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीने जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के लोगों ने अपनी नौकरियां खो दी हैं।
राज्य को ‘बाहरी एवं भीतरी’ में बाँटते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि क्षेत्र के लोग अपनी नौकरियां खो रहे हैं, जो दूसरे राज्यों के लोगों को दी जा रही हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री का बयान जम्मू-कश्मीर में 25 सितंबर को होने वाले दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले आया है।
अब्दुल्ला ने कहा कि “अनुच्छेद 370 हटने के बाद हमसे हमारी जमीनें और नौकरियां छीनी जा रही हैं, दूसरे राज्यों के लोगों को यहां नौकरी दी जा रही है। यह आपकी जमीन है और आपके बच्चों को ये नौकरियां मिलनी चाहिए। हम वादा करते हैं कि हम 1 लाख युवाओं को रोजगार देंगे।”
बता दें कि इस अगस्त में नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जारी चुनावी घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 को बहाल करने का दावा किया गया था।
फारुक अब्दुल्ला के बयान बेहद भड़काऊ हैं और अगर आपको ध्यान हो तो कश्मीर में आम चुनावों से पूर्व हुई टारगेट किलिंग में भी बिहार के श्रमिकों की हत्या को भी ‘बाहरी बनाम कश्मीरी’ के नैरेटिव में ढालने का प्रयास किया गया था। ऐसे नैरेटिव से यह साबित करने का प्रयास किया जाता है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है ।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को पाकिस्तान सरकार का स्व-घोषित राजदूत या पीआरओ करार दिया है। तरुण चुघ का कहना है कि वह जम्मू-कश्मीर की प्रगति और विकास के बारे में बात करने से ज्यादा उसके हितों की वकालत करते रहते हैं। तरुण चुघ ने फारूक अब्दुल्ला के केंद्र सरकार को बार-बार यह सुझाव दिए जाने पर कि उसे पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अब्दुल्ला को सीमा पार देखना बंद कर देना चाहिए और पाकिस्तान की आईएसआई में बैठे अपने आकाओं की भाषा बोलना बंद कर देना चाहिए।