जम्मू-कश्मीर में इस स्वतंत्रता दिवस पर एक नई तस्वीर देखने को मिली। कई दशकों बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में हज़ारों की संख्या में कश्मीर के निवासी परेड देखने पहुंचे। 2003 के बाद से स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए स्टेडियम में नागरिकों की यह सबसे बड़ी संख्या थी। करीब 20,000 लोग इस परेड के गवाह बने।
ज्ञात हो कि इससे पहले स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के मौके पर तनाव का माहौल रहता था। इसके अलावा भारी सुरक्षाबल की मौजूदगी में अलग अलग प्रतिबन्ध लगाए जाते थे। हालांकि, इस वर्ष स्थिति अलग थी। किसी भी तरह की पाबंदी नहीं थी। शहर के लोगों के लिए यह एक सुखद आश्चर्य था।
महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग समेत लोग सुबह आठ बजे से ही स्टेडियम के बाहर कतार में लग गए। देशभक्ति का जोश लोगों के चेहरे पर दिख रहा था। स्टेडियम के स्टैंड में स्थानीय लोग छोटे-छोटे तिरंगे लहरा रहे थे। इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए किसी प्रवेश पास की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि सरकार द्वारा खुला निमंत्रण जारी किया गया था। सिर्फ एक वैध पहचान प्रमाण ही जरुरी था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय नागरिक अब्दुल हामिद खान सुबह 8:15 बजे स्टेडियम पहुंचे। उन्होंने देखा कि भीड़ हर मिनट बढ़ती जा रही थी। उन्होंने कहा, “हम पहली बार आए हैं। हम परेड देखकर और एलजी साहब का भाषण सुनकर खुश हैं।” वहीं, एक महिला ने कहा, “बिना किसी डर के अपने बच्चों को भी साथ लाई हूं।” पीरबाग इलाके की निवासी हफ्सा इकबाल ने कहा, “हवा में शांति है और किसी को भी स्वतंत्रता दिवस समारोह का हिस्सा बनने से कोई नहीं रोक सकता।”
आईएएस ऑफिसर शाह फैसल ने भी इस बदलाव पर खुशी जताई। शाह फैसल ने ट्वीट कर लिखा, “आज कश्मीर में कुछ अभूतपूर्व हो रहा है। मैंने अब तक अपने जीवन में ऐसी कोई चीज़ नहीं देखी है और हममें से किसी ने भी नहीं देखी है। लोग 15 अगस्त को उस उत्साह के साथ मना रहे हैं जो पहले केवल ईद जैसे प्रमुख त्योहारों पर देखा जाता था। कश्मीर ने गर्व और खुशी के साथ भारत को गले लगा लिया है।”
वहीं पूर्व में शाह फैसल की साथी रह चुकी और मोदी सरकार की मुखर विरोधी JNU की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद ने भी सरकार की जमकर तारीफ की।
शेहला राशिद ने ट्वीट कर लिखा, “इसे स्वीकार करना भले ही असुविधाजनक हो, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन के तहत कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार हुआ है। विशुद्ध रूप से सरकार के स्पष्ट रुख ने कुल मिलाकर जिंदगी बचाने में मदद की है। यही मेरा विचार है।”
शेहला राशिद के इस ट्वीट से सोशल मीडिया पर काफी लोग हैरान भी हैं। ज्ञात हो कि बख्शी स्टेडियम में पांच वर्ष बाद फिर से स्वतंत्रता दिवस समारोह की मेजबानी की गई। स्टेडियम को नवीकरण के लिए साल 2018 में बंद कर दिया गया था।