सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने असम और उत्तर प्रदेश की पुलिस को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि अगली सुनवाई होने तक उन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया जाए।
ग़ौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता दामोदरदास मोदी को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया था जिसके पश्चात उनके खिलाफ असम और उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वाराणसी में FIR लिखी गई थी। इसी मामले में आज उनकी गिरफ्तारी के लिए असम पुलिस ने दिल्ली पुलिस से मदद मांगी थी जिसके पश्चात उनको एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था।
हालाँकि, कोर्ट ने पवन खेड़ा पर हुई FIR रद्द करने का आदेश देने से इनकार कर दिया। कांग्रेस नेता खेड़ा पर जो आरोप लगे हैं, उनमें खेड़ा को 3 से 5 साल की सजा हो सकती है।
असम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके दिल्ली से असम ले जा रही थी, इसी को लेकर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट के रनवे पर भी हंगामा काटा था। इसके अतिरिक्त, कॉन्ग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ की बेंच के सामने मामले को रखा था जिस पर सुप्रीम कोर्ट तत्काल सुनवाई को तैयार हो गया था।
मामले को 1 बजे कोर्ट के सामने रखा गया था और मुख्य न्यायाधीश ने एक स्पेशल बेंच बनाते हुए 3 बजे मामले की सुनवाई चालू कर दी। सुप्रीम कोर्ट में सिंघवी ने पवन खेड़ा का पक्ष रखते हुए कहा कि वह उनके ब्यान का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन उनके खिलाफ हो रही कार्रवाई सही नहीं है।
सिंघवी ने खेड़ा के खिलाफ दर्ज की गई सारी FIR को एक साथ एक जगह क्लब करने की मांग सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी थी। वहीँ दूसरी तरफ सरकार की तरफ से कहा गया था कि प्रधानमन्त्री के लिए जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया गया वह अशोभनीय है। साथ ही यह भी कहा गया था कि बयान देते समय जिस प्रकार के हावभाव कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने दिखाए वह यह दिखाता है कि उनसे यह गलती से नहीं हुआ, ना ही उनकी जुबान फिसली बल्कि उन्होंने जानबूझ कर यह किया।
मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अब आदेश जारी करते हुए कहा है कि असम और उत्तर प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया जाए कि अगली सुनवाई तक इस मामले में गिरफ्तारी ना हो। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही खेड़ा को दिल्ली के द्वारका कोर्ट के माध्यम से अंतरिम जमानत दिए जाने की बात भी कही है।
चीफ जस्टिस ने सिंघवी से कहा कि ‘हमने आपको (पवन खेड़ा) को सुरक्षा दी है, लेकिन बात कहने का भी एक स्तर होना चाहिए।