पटना की एक पारिवारिक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और मंत्री तेज प्रताप यादव के खिलाफ उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय द्वारा दायर घरेलू हिंसा की याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है।
अदालत ने माना है कि तेज प्रताप यादव ने ऐश्वर्या के खिलाफ घरेलू हिंसा की है। अपने 17 पन्नों के आदेश में पारिवारिक अदालत ने ऐश्वर्या और उनकी सास राबड़ी देवी के बीच कड़वे रिश्ते पर भी प्रकाश डाला है। कोर्ट ने माना है कि तेज प्रताप की हरकतों का मकसद ऐश्वर्या को उसके ससुराल वाले घर में जाने से रोकना था।
इसे ध्यान में रखते हुए अदालत ने पीड़िता ऐश्वर्या के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें सुरक्षा देने के आदेश जारी किए है। इसके अलावा, तेज प्रताप को ऐश्वर्या के लिए आवास उपलब्ध कराने और रहने का खर्च वहन करने का भी आदेश दिया गया है। इसकी समय सीमा एक माह रखी गई है।
बता दें कि तेज प्रताप यादव ने अपनी शादी के कुछ समय बाद यानी साल 2018 में पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक के लिए अर्जी दी थी। इसके बाद ऐश्वर्या ने पारिवारिक अदालत में तेज प्रताप के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दायर किया। घरेलू हिंसा मामले में पहले तो निचली अदालत से ऐश्वर्या को राहत नहीं मिली लेकिन उसके उच्च न्यायालय में अपील की गई। वहीं, उच्च न्यायालय ने पारिवारिक अदालत को मामले की दोबारा सुनवाई करने का आदेश दिया।
पारिवारिक अदालत ने अब अपने फैसले में तेज प्रताप यादव को ऐश्वर्या के लिए रहने की व्यवस्था के साथ-साथ उन्हें अपनी मां राबड़ी देवी को दिए गए घर के समान आवास प्रदान करने का भी आदेश दिया। तेज प्रताप को ऐश्वर्या के रहने का सारा खर्च, जैसे किराया और बिजली बिल भी वहन करने का निर्देश दिया है।
अदालत का यह आदेश तेज प्रताप, उनके परिवार खासकर उनके पिता लालू प्रसाद की राजनीतिक छवि के लिए एक बड़ा झटका है।
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