बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव की एक धमकी चर्चा में है। दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों के बीच जा कर पप्पू यादव ने खुली धमकी देते हुए कहा कि ‘जिस दिन योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे…’
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके बाद दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार हो गई। ज्ञात हो कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन पिछले 6 दिन से जारी है। इन पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित कई खिलाड़ी शामिल हैं।
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में एसजी तुषार मेहता ने कहा कि आज शाम तक दिल्ली पुलिस पहलवानों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर लेगी। लेकिन इसी बीच पहलवानों के प्रदर्शन में आपराधिक और राजनीतिक तत्वों की भी एंट्री हो गयी है।
दरअसल, पहलवानों के इस प्रदर्शन में बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव पहुंच गए और उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को धमकी दे डाली। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बदलने का आवाह्न भी कर दिया।
पप्पू यादव ने संसद में योगी आदित्यनाथ के रोने की घटना का ज़िक्र कर उन्हें अपमानित करने का प्रयास भी किया। उन्होंने कहा कि “योगी रोते हुए कह रहा था, हमको बड़ी मारा पुलिस, मुलायम ने हमको मार दिया, क्या डरपोक है ये”
कर्मयोगी की ममता और माता का कर्म
इसके आगे पप्पू यादव ने कहा “जिस दिन ये मुख्यमंत्री के पद से हटा ….बस आप समझ जाइये ”
पप्पू यादव यहीं नहीं रुके, उन्होंने इस प्रदर्शन को जातिवादी रंग देने की पूरी कोशिश की। वे कहते हैं कि देश में अब परिवर्तन जाट और सिख समाज ही कर सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि प्रदर्शन हरियाणा के खिलाड़ी कर रहे हैं और यहाँ बिहार के नेता पहुंच कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर टिप्पणी कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि ये प्रदर्शन खिलाड़ियों का है या नेताओं का?
वैसे तो नेताओं को भी खिलाड़ियों के साथ शामिल होने का अधिकार हो सकता है, लेकिन यह अधिकार पप्पू यादव जैसे आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं को तो कतई नहीं है, जिन पर हत्या, किडनैपिंग, मारपीट, बूथ कैप्चरिंग जैसे 31 मामले दर्ज हों।
2008 में पप्पू यादव पर हत्या के आरोप साबित हो चुके हैं जिसमें सीबीआई की विशेष अदालत ने उनको उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सजा मिलते ही उनकी सदस्यता रद्द हो गई। उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा गया। कई सालों तक वो जेल में ही बंद रहे।
पिछले कई वर्षों से पप्पू यादव दिल्ली में हैं और अब वे खिलाड़ियों के जरिये अपनी राजनीति आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं अब चर्चा इस बात पर भी हो रही है कि क्या ये आंदोलन आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए कोई प्रायोजित आंदोलन है ?