पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से आए राजनीतिक संकट के बीच पाकिस्तान का आर्थिक संकट भी और गहराया गया है। पाकिस्तान में जारी आर्थिक बदहाली और अस्थिरता के बीच पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर के प्रति 290 रुपए के भाव से भी नीचे चला गया है।
इससे पहले पाकिस्तानी रुपए का इतना निचला स्तर कभी नहीं देखा गया था। मार्च के दौरान यह रिकॉर्ड 285 रुपए/डॉलर के भाव से लौटा था और तब से स्थिर बना हुआ था लेकिन पाकिस्तान में अस्थिरता के माहौल के बनने और हिंसा के कारण यह फिर से गोते लगा रहा है।
पाकिस्तान का आर्थिक संकट आगे और गहराने की आशंका है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले लोन पर अभी समझौता नहीं हो सका है। इसलिए उसको अगले कुछ महीनों तक कोई कर्जा उधर से मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही।
इस बीच पाकिस्तान मई और जून के माह में 3.7 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है। यह धनराशि उसके वर्तमान मुद्रा भण्डार का लगभग 80% हैं। भुगतान ना कर पाने की स्थिति में वह लोन पर डिफ़ॉल्ट कर जाएगा जो कि उसकी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब स्थिति होगी।
हालाँकि, लोन के मामले में उसने कहा है कि उसने पैसों का इंतजाम कर लिया है। पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने कहा है कि मई और जून माह में पूरे हो रहे कर्जों को हम चुका लेंगे और देश डिफ़ॉल्ट नहीं करेगा। हाल ही में पाकिस्तान को दिए गए एक लोन का चीन ने रोल ओवर कर दिया था। जिससे उसे को यह नहीं चुकाना पड़ा था।
पूरे देश में जहाँ लोग सेना और सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं उसके विदेशी मुद्रा भण्डार रसातल की ओर जा रहे हैं। पाकिस्तान को बाहर रहने वाले पाकिस्तानियों से मिलने वाले डॉलरों में भी कमी आ रही है।
पाकिस्तान में आर्थिक मामलों पर नजर रखने वाले अखबार बिजनेस रिकॉर्डर के अनुसार, उसको अप्रैल माह में बाहर रहने वाले पाकिस्तानियों से 2.2 बिलियन डॉलर मिले हैं जो कि मार्च माह से 12% कम हैं।
इन सब के बीच देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण सारी आर्थिक गतिविधियाँ ठप पड़ गई हैं। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीस ने पाकिस्तान पर चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि अगर उसे IMF का बेलआउट पॅकेज नहीं मिलता है तो वह डिफ़ॉल्ट कर जाएगा।
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