पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में बीते बृहस्पतिवार यानी 28 दिसम्बर, 2022 को भील समुदाय की 40 वर्षीय हिन्दू महिला का सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर बड़ी बेरहमी से महिला की हत्या कर दी गई।
‘हिन्दू आर्गनाइजेशन ऑफ सिन्ध’ के संस्थापक नारायण दास भील ने अपने आधिकारिक ट्टिटर अकाउंट पर इस घटना की जानकारी देते हुए बताया है कि जिस महिला के साथ यह दुष्कर्म हुआ है, वह सिन्ध उनका नाम दया भील है। दया भील विधवा महिला थीं और उनके पाँच बच्चे हैं, जिनमें चार लड़कियाँ हैं जबकि एक लड़का है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता का बलात्कार करने के बाद बलात्कारियों ने दया भील का सिर धड़ से अलग कर दिया और फिर पूरे बाल काटकर सिर को गंजा कर दिया गया। इसके बाद पीड़िता के चेहरे और हाथों को धारदार हथियार से बड़ी बेरहमी से काटा गया।
बलात्कारियों की दरिंदगी यहीं नहीं रुकी तो उन्होंने पीड़िता के स्तन भी शरीर से अलग कर दिए और कटे हुए सिर से बाल भी काट दिए और पूरे शरीर को हथियारों की मदद से छलनी कर दिया। इसके बाद पीड़िता के छत-विछत शव को एक खेत में फेंक दिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब तक आरोपितों की कोई पहचान नहीं हुई है।
सिंझोरों के स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि पाकिस्तान के सिंझोरो और शाहपुरचकर पुलिस पहले इस मामले को दर्ज करने से आनाकानी कर रही थी। हालाँकि, बाद में स्थानीय लोगों के हंगामें के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पीड़िता के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
यह घटना सिन्ध प्रान्त के संगहार जिले के सिंझोरो कस्बे की है। सिन्ध प्रान्त के थरपरकर क्षेत्र से सीनेटर और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सदस्य कृष्णा कुमारी की मीडिया सलाहकार जियाला अमर लाल भील के मुताबिक 40 वर्षीय दया भील 28 दिसम्बर को गायब हो गई थीं। इसके बाद उनका विकृत शव सरसों के खेत में मिला।
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्टिटर अकाउंट से ट्वीट कर यह भी कहा कि मृतका दया भील के परिजनों से जानकारी लेने सिंझोरो व शाहपुरचक्कर से भी पुलिस टीम पहुँची है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सदस्य और सीनेटर कृष्णा कुमारी ने भी घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्टिटर अकांउट से इस बात की जानकारी दी और कहा कि 40 वर्षीय विधवा दया भील की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
इस्लामी मुल्क पाकिस्तान में इस तरह की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अल्पसंख्यकों के ऊपर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं। अल्पसंख्यकों के घर और धार्मिक स्थलों पर हमले होते रहते हैं। आए दिन हिन्दू और सिख महिलाओं के अपहरण और बलात्कार की खबरें आती रहती हैं। बावजूद, पाकिस्तान सरकार इस तरह के जुर्म पर सख्ती नहीं दिखाती है।
पाकिस्तान की पत्रकार वीनगास ने अपने आधिकारिक ट्टिटर अकाउंट पर बताया कि इस पूरे मामले को मीडिया ने हाइलाइट तक नहीं किया। यही नहीं इस क्रूर हत्याकांड के बाद न तो शहबाज सरकार और न ही बिलावल भुट्टो की सिन्ध सरकार ने कोई बयान जारी किया है।
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