बाढ़ से बेहाल पाकिस्तान में भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं। सिन्ध प्रान्त के पटनी क्षेत्र के सुक्कुर में एक अस्थायी कैम्प में शुक्रवार (9 सितम्बर, 2022) को 6 साल की बच्ची रजिया की कथित तौर पर भूख और बीमारी से मौत हो गई। डॉन अखबार ने यह जानकारी दी है।
रजिया के पिता खालिद खोसो बताते हैं कि बारिश के बाद विभिन्न बीमारियों से पीड़ित उनके बच्चों और महिलाओं की जांच के लिए कोई मेडिकल टीम उनके पास नहीं आई थी। जिस कारण उनकी बच्ची की भूख और बीमारी से मौत हो गई।
राहत सामग्री के अभाव में विरोध प्रदर्शन
इस कैम्प में 200 से अधिक बाढ़ पीड़ित परिवार रह रहे हैं। वे जैकबाबाद जिले से जान बचाकर सुक्कुर पहुंचे थे। इन परिवारों तक भोजन और अन्य राहत सामग्री नहीं पहुँच रही है। इसके बाद यहां विरोध-प्रदर्शन भी शुरु हो गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे हुकूमत से मदद का इन्तजार कर रहे हैं लेकिन उन्हें मदद नहीं मिल रही है। हुकूमत की तरफ से जो अधिकारी आते हैं, वो केवल डेटा एकत्र कर चले जाते हैं। उन्हें भोजन, तम्बू, मच्छरदानी और अन्य आवश्यक राहत सामग्री नहीं मिल रही है। यहाँ बीमारी और भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का पाकिस्तान दौरा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया था। गुटेरस ने पाकिस्तान के हालात पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा भी था, “इससे बड़ी तबाही नहीं देखी थी, यह बाढ़ अकल्पनीय है।” गुटेरस ने पाकिस्तान के आर्थिक हालात पर चिन्ता जताते हुए कहा, “पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र जो मदद कर रहा है वह केवल छोटा सा हिस्सा है।”
यूएन महासचिव का संकेत इस बात की ओर था कि पाकिस्तान में आर्थिक हालात बहुत चिन्ताजनक हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की मदद ठीक उसी तरह है जैसे सागर में एक बूंद पानी डाला जाए।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
पाकिस्तान में बाढ़ के कारण चारों तरफ तबाही मची हुई है। इस तबाही के नतीजे सामने आने शुरु हो गए हैं। हालाँकि पाकिस्तान इस समय भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बाढ़ के समय भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार थम नहीं रहे हैं। हाल ही में सिन्ध प्रान्त में मुफ्त राशन का लालच देकर एक नाबालिग हिन्दू लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। ऐसी तमाम घटनाओं पर बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान को अमेरिका में डाँट भी खानी पड़ी है।
राहत के नाम पर घोटाला
पाकिस्तान में राहत सामग्री के नाम पर भी भयंकर घोटाला किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पाकिस्तानी नागरिक बता रहे हैं कि हेलीकॉप्टर से जो राहत सामग्री बोरे में भरकर नीचे फेंकी जा रही है, उन बोरों में भोजन और दवाईयों की जगह ईंट और पत्थर भरे हुए हैं।
पाकिस्तान में आर्थिक संकट
पाकिस्तान इस समय विनाश के मुहाने पर खड़ा है। जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कर्जे में डूबे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की कगार पर है। पाकिस्तान गम्भीर नकदी संकट समस्या का सामना कर रहा है।
बाढ़ के कारण पाकिस्तान में आयात की माँग कई गुना बढ़ गई है और निर्यात न के बराबर हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पाकिस्तान का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर पांच प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत रहने वाली है।