हाल ही में हुई नूंह हिंसा का असर अब नूंह से लगे राजस्थान के जिलों में भी दिखने लगा है। रामगढ़ में खाटू श्याम यात्रा में मारपीट का मामला सामने आया है। श्रद्धालुओं का आरोप है कि समुदाय विशेष के दो लोगों ने यात्रा रोकने का प्रयास किया। जब यात्रियों ने विरोध किया तो इन लोगों ने यात्रियों समेत ड्राइवर के साथ मारपीट की। आरोप है कि समुदाय विशेष के इन दो लोगों ने बस पर लगे खाटू श्याम के बैनर्स को जूतों से रौंद दिया। बस में उस दौरान ड्राइवर और एक रिटायर्ड फौजी समेत 2 लोग मौजूद थे। इन लोगों ने हमलावरों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
खबर सामने आने के बाद क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। हिंदू संगठनों ने कथित हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए स्थानीय पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया। घटना की सूचना पर डीएसपी हरेंद्र शर्मा और थानाधिकारी राजपाल चौधरी मौके पर पहुंचे। जहां पर विवाद को बढ़ता देख मौके से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने ले आए।
ज्ञात हो कि हाल में हरियाणा के नूंह जिले में हिन्दुओं की धार्मिक यात्रा पर मुस्लिमों ने हमला कर दिया था जिसमें कई लोग मारे गए थे। इसके बाद कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए हरियाणा से सीमा साझा करने वाले राजस्थान के कुछ जिलों में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया था। नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा मामले में अब तक 61 FIR दर्ज की गई हैं। जिनमें 280 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ताजा मामला सामने आने के बाद राजस्थान सरकार की देशभर में आलोचना हो रही है।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अलवर में खाटू श्याम जा रही पदयात्रा की बस पर हमले की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक है। शांतिप्रिय राजस्थान में उपद्रवियों को कानून व्यवस्था का कोई भय नहीं है। कॉन्ग्रेस सरकार के संरक्षण में जानबूझकर प्रदेश में अराजकता का वातावरण पैदा किया जा रहा है। राज्य में धार्मिक आस्थाओं पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। चूरू के सुजानगढ़ में प्रसिद्ध सालासर धाम में राम दरबार को तोड़ा गया, करौली में हिन्दू नववर्ष पर जुलूस पर हमला हुआ, जोधपुर में स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति तोड़ने पर दंगे हुए और राजगढ़, अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा गया। मेरी सरकार से माँग है कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
ज्ञात हो कि इसी वर्ष राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में इन घटनाओं का सामने आना सरकार की कार्यशैली पर जरूर सवाल उठाता है कि कहीं सरकार ध्रुवीकरण के लिए एक समुदाय विशेष का इस्तेमाल तो नहीं कर रही है?
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