भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक रिपोर्ट में बताया है कि देश में उपयोग किए जा रहे कुल नोटों में से मात्र 1.3% नोट ही ₹2,000 के हैं। यह जानकारी बैंक ने मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी है। नोटों की यह स्थिति 31 मार्च 2023 की है।
पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने 2,000 के नोटों को वापस लेने का निर्णय किया था। इन नोटों को बैंकों में जमा करने या बदलने के लिए 30 सितम्बर तक का समय दिया गया था। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा था कि यह नोट 30 सितम्बर के बाद भी लीगल टेंडर यानी वैध मुद्रा बने रहेंगे।
नोटों को वापस लेने के पीछे उनकी आयु पूरी होने का कारण बताया गया था। कहा गया था कि अधिकांश नोट वर्ष 2018 से पहले जारी किए गए थे इसलिए अब वह पुराने हो चुके हैं और क्लीन नोट पालिसी के तहत इन्हें वापस लिए जाने की आवश्यकता है।
RBI द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट में देश में वर्तमान में उपयोग की जा रही सभी प्रकार की मुद्रा का ब्यौरा दिया गया है। RBI की रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2023 को देश में चल रहे कुल नोटों में से मात्र 18,111 लाख नोट ही ₹2,000 के हैं जिनका मूल्य 3.62 लाख करोड़ है।
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यह नोट देश में चल रहे कुल नोटों का 1.3% हैं जबकि इनका मूल्य बाजार में चल रहे नोटों का 10.8% है। वर्ष 2022 के दौरान यह क्रमशः 1.6% और 4.28 लाख करोड़(13.8%) जबकि वर्ष 2021 में यह 2.0% और 4.9 लाख करोड़(17.3%) था।
RBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वाधिक उपयोग ₹500 के नोटों का हो रहा है, यह कुल नोटों का 37.9% हैं। 31 मार्च 2023 तक देश में 25.81 लाख करोड़ के मूल्य के ₹500 के नोट चलन में थे। ₹ 500 के नोटों का मुद्रा में हिस्सा लगातार बढ़ा है। नोटों के मूल्य के अनुसार यह कुल नोटों का 77.1 हैं। वर्ष 2022 में यह 73.3% और 2021 में 68.4% थे। ₹500 और ₹2,000 के अतिरिक्त बाकी सभी नोट कुल नोटों का 10.9% हैं।
रिपोर्ट में रिजर्व बैंक द्वारा दिसम्बर माह में जारी किए गए e₹ के चलन की जानकारी भी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, दिसम्बर 2022 में शुरू किए जाने के बाद से अब 16.3 करोड़ मूल्य के e₹ जारी किए जा चुके हैं। 1, 2, 5 और 10 रुपए के मूल्य के सर्वाधिक e₹ जारी किए गए हैं।
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