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Home » ऑनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी व फर्जीवाड़े रोकने के लिए सरकार ने जारी किया ड्राफ्ट, जानिए क्या होंगे नियम
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ऑनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी व फर्जीवाड़े रोकने के लिए सरकार ने जारी किया ड्राफ्ट, जानिए क्या होंगे नियम

The Pamphlet StaffBy The Pamphlet StaffJanuary 4, 2023No Comments4 Mins Read
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Central govt introduces draft on the rules about gaming industry
केंद्र सरकार ने गेमिंग इंडस्ट्री में पारदर्शिता लाने के लिए नए नियम लाने का ड्राफ्ट तैयार किया है।
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ऑनलाइन गेमिंग में हो रही अनियमितताओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार नए नियम ला रही है। लम्बे समय से यह मांग की जा रही थी ऐसे गेमिंग प्लेटफोर्म (Gaming Platform) को नियमित किया जाना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में भारत में ऑनलाइन गेमिंग तेजी से बढ़ी है और पिछले कुछ समय में कई नए मोबाइल ऐप्लिकेशन उपलब्ध हुए हैं, जहाँ पर खेल के आधार पर पैसे लगाए जाते हैं।

केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्यिगिकी मंत्रालय (Meity) ने इन गेम्स को नियमित करने के लिए नियमों का एक ड्राफ्ट जनता के सामने रखा है। ये नियम आईटी अधिनियम में जोड़े जाएंगें। केंद्र में आईटी मामलों के राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने यह ड्राफ्ट पेश किया। ड्राफ्ट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि; नियम सरल हैं और हमारा प्रयास है कि यह वर्ष 2025-26 तक यह ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करें।

दरअसल, अभी तक गेंमिग क्षेत्र को नियमित करने के लिए स्पष्ट नियम नहीं हैं और इसके कारण फर्जीवाड़े होते रहे हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य लोगों को भी बड़े इनाम के लालच में फंसाने के भी कई मामले सामने आए हैं।

क्या है सरकार का प्रस्ताव?

केंद्र सरकार द्वारा जनता की राय के लिए रखे गए ड्राफ्ट के अनुसार, गेम बनाने वाली कम्पनियों को गेम के माध्यम से जुए को बढ़ावा देने पर रोक लगाई जाएगी। इसके अतिरिक्त सभी गेम कम्पनियों को एक स्वनियामक संस्था के अंतर्गत खुद को रजिस्टर कराना होगा।

इस संस्था में पांच अलग-अलग क्षेत्रों के लोग होंगें जिनका एक बोर्ड बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा हो सके, इसके लिए कंपनियों को केवाईसी (KYC), गेम का उपयोग करने वालों के द्वारा गेम में डाले गए पैसे का प्रबंधन पारदर्शी ढंग से करने समेत जीत की राशि का सही वितरण जैसे कदम शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: RBI जारी कर रहा है डिजिटल करेंसी ‘e₹’, भविष्य में बदलेगा लेन-देन का तरीक़ा

मामले से सम्बंधित अन्य जानकारी देते हुए राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने यह भी कहा है कि; गेमिंग कम्पनियों को यह ध्यान रखना पड़ेगा कि लोगों को उनके गेम की लत ना लगे और इसमें हिंसक या यौन सामग्री ना हो। I इसी के साथ ही गेम कम्पनियों को यह भी ध्यान रखना पड़ेगा कि गेम के कारण संभावित पैसों के नुकसान को भी लोगों को बताया जाए।

इन कम्पनियों को अपने एक वरिष्ठ कर्मचारी को सभी प्रक्रिया का पालन सही से हो, इस बात की जांच करते रहने के लिए नियुक्त करना होगा। गेम को भारत में चलाने के लिए इसके पिछले रिकॉर्ड को भी मंत्रालय देखेगा।

क्यों पड़ी नए नियमों को लाने की आवश्यकता?

पिछले कुछ वर्षों में भारत में इंटरनेट की सुलभता तेजी से बढ़ी है। इसके कारण बड़ी संख्या में ऐसे ऑनलाइन गेम आ चुके हैं जो किसी प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों को बड़ी धनराशि जिताने का दावा करते हैं। इसके अतिरिक्त क्रिकेट मैच, फुटबॉल मैच एवं अन्य कई आधार पर आपसी प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं।

यह भी पढ़ें: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से अब तक 4.5 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटाइज

इन ऑनलाइन गेम में हिस्सा लेने वालों की संख्या लाखों में है। पिछले कुछ समय में इन कम्पनियों ने अपना बाजार तेजी से बढ़ाया है। देश एक अंदर दो सबसे बड़ी कम्पनियां पिछले कुछ समय में यूनीकॉर्न (1 बिलियन डॉलर से अधिक की हैसियत बाजार में रखने वाली कम्पनी) कम्पनी बन चुकी हैं।

ऐसे में उपभोक्ताओं के हित सुनिश्चित करने और उनके साथ वित्तीय धोखाधड़ी रोकने आदि के लिए यह नए नियम लाए गए हैं।

क्या है देश में ऑनलाइन गेमिंग की स्थिति

व्यापार के समबन्ध में आँकड़ों पर नजर डालने वाली वेबसाइट IBEF के अनुसार, वर्ष 2022 में ऑनलाइन गेमिंग का देश में 2.6 बिलियन डॉलर का आकार था। वर्ष 2027 तक इसके 8.6 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। वर्तमान में देश में ऑनलाइन गेम एप्लीकेशन उपयोग करने वाले लोगों की संख्या 5 करोड़ से भी अधिक है।

भारत गेम डाउनलोड करने के मामले में चीन से भी आगे है। दुनिया के बाजार में भारत का लगभग 17% हिस्सा है। ऐसे में भारत जैसे बढ़ते बाजार के लिए इन गेम्स का नियमन काफी आवश्यक था जो कि सरकार ने नए नियमों के माध्यम से करने का प्रयास किया है।

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