पूरा देश आज यानी 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस के साथ ही विश्वकर्मा जयंती मना रहा है। विश्वकर्मा जयंती पूरे भारत में कल-कारखानों वाली हर जगह पर मनाई जा रही है, साथ ही साथ बड़े-बड़े इन्फ्रा प्रोजेक्ट पर भी विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है।
वर्तमान में भारत आधारभूत संरचना बनाने पर काफी जोर दे रहा है, नए हाइवे, एक्सप्रेसवे, नई रेल लाइनें और ऊंचे-ऊंचे पुल खड़े किए जा रहे हैं। विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर हम आज आपको बताने जा रहे हैं भारत के पांच बड़े विकास कार्यों के बारे में जो नए भारत की तस्वीर पेश करने के साथ ही भारत में चली आई विश्वकर्मा भगवान की महान निर्माणकारी परम्परा को भी प्रदर्शित करते हैं।
जम्मू-कश्मीर में बना चेनाब नदी पर पुल
मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए काफी गंभीर है, लगभग 1,500 करोड़ की लागत से बन रहे चेनाब नदी के ऊपर इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर है, यानी इस पुल की ऊंचाई एफिल टावर से भी 30 मीटर ज्यादा है। यह विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। रियासी जिले में बन रहा यह पुल बक्कल और कौरी इलाकों को जोड़ता है। इस पुल को अफकॉन्स (AFCONS) ने डिजाइन किया और बनाया है।
मुंबई- अहमदाबाद बुलेट ट्रेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट करीब 1.6 लाख करोड़ की लागत के साथ जापान की मदद से मुंबई और अहमदाबाद के बीच बनाया जा रहा है। 2017 में प्रारम्भ हुए इस प्रोजेक्ट में बीच में महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार आने के कारण महाराष्ट्र वाले हिस्से में काम में शिथिलता आ गई थी, लेकिन अब इसका काम तेजी से चल रहा है और आने वाले कुछ सालों में इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
वर्ष 2019 में प्रारम्भ हुए इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार इस 1,350 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेसवे के पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच की यात्रा 12 घंटे में की जा सकेगी। करीब 1 लाख करोड़ की लागत से बनाया जा रहा यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश होते हुए गुजरात से महाराष्ट्र में जाएगा।
सेंट्रल विस्टा
देश की राजधानी दिल्ली में पुराने हो चुके संसद और विभिन्न सरकारी दफ्तरों को नए सिरों बनाने का यह प्रोजेक्ट लगभग 20,000 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा, इसके अंतर्गत नई संसद, नए मंत्रालयों के भवन आदि का निर्माण होगा। इसी के साथ ही इसका लक्ष्य अंग्रेजो के राज में स्थापित किए गए प्रतीकों को भी हटाना है।
नोएडा इन्टरनेशनल एयरपोर्ट
उत्तर प्रदेश के जेवर में 30,000 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट के पहले चरण के 2024 में पूरा होने की उम्मीद है। तैयार होने के बाद यह एयरपोर्ट हर साल करीब 1.2 करोड़ यात्रियों को सम्भालने की क्षमता रखेगा। इसकी नींव प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 नवम्बर में रखी थी।