ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में राहत और बचाव का काम पूरा हो चुका है। कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रेन के साथ एक मालगाड़ी के हादसे में 250 से अधिक लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। इसके अतिरिक्त 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
ओडिशा में हुए हादसे के अतिरिक्त, इसी सप्ताह में दो बार ऐसा हो चुका है जब रेलवे हादसे का शिकार हुई है या होते-होते बची है। पहला मामला चेन्नई का है जहाँ कन्याकुमारी-चेन्नई एग्मोर एक्सप्रेस 3 जून की मध्यरात्रि को हादसे का शिकार होते-होते बची।
त्रिची से निकलने के बाद एक्सप्रेस चेन्नई की तरफ बढ़ ही रही थी कि लोको पायलट रघुरामन और सहायक लोको पायलट विनोद को पटरियों पर एक काली सी वस्तु दिखाई दी। लोको पायलट ने रफ़्तार धीमी की और देखा कि पटरी पर एक दूसरे के ऊपर चढ़ाए हुए दो बड़े टायर रखे हुए थे।
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यात्रियों को चोट ना पहुंचे इसके लिए लोको पायलट ने ट्रेन को लगातार चलाए रखा और टायरों के ऊपर से ट्रेन निकालने के बाद आगे जाकर ट्रेन को रोका। इस दोनों टायरों में से एक टायर ट्रेन के इंजन में फंस गया जिसके कारण इंजन से ट्रेन को जाने वाली बिजली की आपूर्ति रुक गई। इस कारण से ट्रेन को 25 मिनट तक रोकना पड़ा और समस्या सुलझने के बाद ही ट्रेन आगे बढ़ सकी।
दूसरा मामला केरल के कन्नूर का है जहाँ एक भिखारी ने ट्रेन में आग लगा दी। मलयालम समाचार वेबसाइट ऑनमनोरमा के अनुसार, 1 जून को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के रहने वाले एक भिखारी प्रसेनजीत सिकदर अलप्पुझा-कन्नूर एग्जीक्यूटिव एक्सप्रेस में आग लगा दी।
समाचार वेबसाइट ने बताया कि सिकदर भीख मांग कर होने वाली आय से संतुष्ट नहीं था इसलिए उसने यह कदम उठाया। पहले इस आग को संदिग्ध माना जा रहा था लेकिन बाद में CCTV फुटेज सामने के बाद मामले का खुलासा हो सका। मामले की जांच के लिए जले हुए डिब्बों से उँगलियों के निशान भी इकट्ठा किए गए थे जिनको आरोपित के साथ मिलाया गया था।
पुलिस ने बताया है कि सिकदर मानसिक तनाव में था इसलिए उसने यह कदम उठाया। हालांकि, ट्रेन में लगी आग को समय रहते बुझा लिया गया था। गौरतलब है कि इसी ट्रेन में 2 अप्रैल को शाहीन बाग़ के रहने वाले शाहरुख सैफी ने पेट्रोल डालकर दो व्यक्तियों को जला दिया था।
कन्नूर की यह घटना विकराल रूप ले सकती थी क्योंकि जहाँ पर ट्रेन में आग लगी वह भारत पेट्रोलियम की तेल स्टोरेज से मात्र 100 मीटर दूर है। हालांकि, रेलवे कर्मचारियों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया था। इन दोनों घटनाओं में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है परन्तु कन्नूर वाली घटना में कुछ डिब्बों को नुकसान जरुर पहुंचा है।
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