अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कुछ ही दिन पूर्व लोकतंत्र यानी ‘डेमोक्रेसी’ और भारत के कथित ‘अल्पसंख्यक मुस्लिमों’ के बाकी में चिंता जताई थी, जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भेजीं। सोमवार सुबह भारतीय वित्त मंत्र निर्मला सीतारमन ने भी ओबामा के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी हैं। ओबामा के इस एक बयान ने उनके पुराने चिट्ठे भी खोलकर रख दिए। इसके बाद इस लिस्ट में USCIRF के पूर्व कमिश्नर जॉनी मूर का नाम भी जुड़ गया है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का एक बयान आया और पूरे विश्वभर के लोग इस एजेंडा के ख़िलाफ़ एकजुट नज़र आ रहे हैं। यही नहीं, जो जवाब इसके बाद ओबामा को सुनने को मिले वो यह दर्शाता है की पूरे विश्व में लोग भारत का कितना सम्मान करते हैं।
अब इसमें एक और नाम भी जुड़ गया है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता की अमेरिकी संस्था USCIRF के पूर्व आयुक्त जॉनी मूर ने भी अब कहा है कि भारत से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है और यही नहीं, भारत पूरे मानव इतिहास में सबसे विशिष्ट देश है।
बराक ओबामा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि, पूर्व राष्ट्रपति को अपनी शक्ति इंडिया को प्रसंशा करने में लगानी चाहिए ना कि उसकी आलोचना करने में। इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि भारत भी पूरी तरह से आदर्श राष्ट्र नहीं है, जैसे कि अमेरिका भी आदर्श या परफ़ेक्ट नहीं है और यही विविधता ही भारत की शक्ति है। जॉनी मूर ने यह भी कहा कि एक अच्छी भू-राजनीति वही होती है जिसमें लोकतंत्र आपस में एक-दूसरे की आलोचना एकांत में करते हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से नहीं!
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के बारे में जॉनी मूर ने कहा कि यह भारत ही नहीं अमेरिका के लिए भी ऐतिहासिक है। लोकतंत्र अस्त-व्यस्त हैं। यह लोकतंत्र की ताकत है। यह हमारी विविधता के आधार में है। भारत एक अविश्वसनीय रूप से बहुलवादी देश है। यह एक ऐसा देश है जो हर चुनाव में अपने लोकतंत्र के लिए लड़ता है। भारत में अच्छी तरह से लोकतंत्र जीवित है।
ज्ञात हो कि जब पीएम नरेंद्र मोदी अपने अमेरिकी दौरे में थे उसी बीच 22 जून को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने भारत के मुसलमानो और लोकतंत्र को लेकर अपनी चिंता ज़ाहिर की। उन्होंने कहा था कि भारत ‘अल्पसंख्यकों’ के अधिकारों की रक्षा नहीं करता और इस इस बात की आशंका है कि अगर यही चलता रहा तो आगे जाकर भारत में एक बार फिर विभाजन होगा। बराक ओबामा ने यह कहा कि इस बारे में राष्ट्रपति जो बायडेन को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से यह पूछना चाहिए कि वो मुसलमानो को बचाने के लिए क्या करेंगे?
इसके बाद पूरे सोशल मीडिया में #BarackHussainObama जैसे हैशटैग भी ट्रेंड करने लगे।
अपने इन बयानों के बाद बराक ओबामा को जवाब मिलने शुरू हो गए और यही नहीं लोगों ने उनके कार्यकाल में मुस्लिम देशों पर किए गए बम हमलों के बारे में भी लिखना शुरू कर दिया। आपको बता दें कि खुद ओबामा के कार्यकाल में 26,000 से भी ज़्यादा बम मुस्लिम बहुल देश, जैसे अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया, लीबिया, सोमालिया, पाकिस्तान में बम गिराए गए थे।
रविवार 25 जून को इस पर भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी अपना जवाब दिया और कहा कि वो ये देखकर हैरान थीं कि जब पीएम मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर थे, तब अमेरिका का एक पूर्व राष्ट्रपति भारत के मुस्लिम समुदाय के बारे में प्रॉपगैंडा कर रहा था।
आगे उन्होंने यह भी कहा कि वो ये बात बहुत संयम के साथ कह रहीं है, क्योंकि इसमें एक और देश शामिल है। उन्होंने कहा, “हम अमेरिका के साथ दोस्ती चाहते हैं लेकिन वहां भी हमें भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में टिप्पणियां मिलती हैं। एक पूर्व राष्ट्रपति, जिनके शासन में छः मुस्लिम-बहुल देशों पर 26,000 से अधिक बमबारी की गई, लोग उसके लगाए हुए आरोपों पर कैसे भरोसा करेंगे?”
बराक ओबामा: मुस्लिम देशों में बमबारी कर कहर मचाने वाला अमेरिकी राष्ट्रपति