हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद द्वारा सोमवार (28 अगस्त, 2023) सुबह फिर से बृजमंडल यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यात्रा नल्हड़ महादेव मंदिर से शुरू होकर फिरोजपुर झिरका में जाकर समाप्त होगी। यात्रा सिंगार गांव में समाप्त होगी।
प्रशासन से विश्व हिंदू परिषद को इस यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं परिषद ने कहा है कि यात्रा के लिए अनुमति की आवश्यकता ही नहीं है, पिछली बार 31 जुलाई को यात्रा पर हमले के कारण यह अधूरी रह गई थी जिसे इस सोमवार को पूरा किया जाना आवश्यक है। परिषद ने कहा है कि आज सावन का अंतिम सोमवार है इसलिए आज इसे पूरा किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, कुछ साधुओं को मंदिर में जलाभिषेक की अनुमति दी गई है जबकि अयोध्या से पहुंचे संतों को बाहर ही रोक लिया गया है।
अयोध्या के एक हिंदू संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज को सुरक्षा अधिकारियों ने हरियाणा के सोहना टोल प्लाजा पर रोक दिया।
उन्होंने कहा, “मैं अयोध्या से यहां आया हूँ। प्रशासन ने हमें यहां रोक दिया है, वे हमें आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं और न ही वे हमें वापस जाने दे रहे हैं। इसलिए मैं आमरण अनशन कर रहा हूं। अगर प्रशासन मुझे कहीं और शिफ्ट कर देगा तो मैं वहाँ भी मरते दम तक अनशन करूँगा।”
यात्रा की सूचना के बीच नूंह में चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा है। अधिकांश दुकानें बंद हैं और प्रशासन द्वारा स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है। बैंकों को भी बंद कर दिया गया है। यात्रा पर हमले की आशंका को देखते हुए नूंह में फिर से इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि पिछली बार यात्रा पर हमले के प्रमुख कारणों में अफवाह फैलाया जाना भी था। क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई है और सभी आने जाने वालों को पूछताछ के बाद ही जाने दिया जा रहा है।
नूंह क्षेत्र की सीमा राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी लगती है इसलिए सीमाओं को भी सील कर दिया गया है और ड्रोन के माध्यम से क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। प्रशासन द्वारा कहा गया है कि लोग नल्हड़ महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर सकते हैं लेकिन यात्रा की अनुमति नहीं है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, लोगों को स्थानीय पहचान दिखाने बाद ही मंदिर में प्रवेश मिल रहा है। दूसरी तरफ कुछ हिंदू नेताओं को भी नजरबंद किया गया है। बाहर से आने वालों को मंदिर के बाहर लगाए गए नाके से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि 31 जुलाई को नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर से निकली जलाभिषेक यात्रा पर मजहबी भीड़ ने हमला कर दिया था। यात्रा पर हमले में पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी। इस दौरान जमकर हिंसा हुई थी और गाड़ियों को आग लगा दी गई थी। नल्हड़ महादेव मंदिर में एकत्र हुए श्रृद्धालुओं पर भी आसपास की पहाड़ियों से घेर कर गोलियां बरसाई गई थी। यात्रा को तब स्थगित कर दिया गया था जिसे हिंदू संगठनों ने दोबारा से पूरा करने की बात कही थी।
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