पंजाब के अमृतसर से मंतातरण के चलते चर्च पर हमले की खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार अमृतसर के गांव राजेवाल में स्थित चर्च पर निहंगों द्वारा रविवार (मई 21, 2023) को मंतातरण का आरोप लगाकर हमला किया गया। हमले में चर्च के बाहर खड़ी कारों में आ लगा दी गई वहीं विरोध करने वाले लोगों के साथ मार-पीट भी की गई है।
मौके पर पहुँचे पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य डॉ सुभाष थोबा को ईसाई समुदाय के लोगों ने बताया कि निहंग के वेश में 20-25 लोग सुखपाल राणा मिनिस्ट्री चर्च पहुँचे थे। इस समय दोपहर की पूजा की जा रही थी। उनके हाथों में तलवारें थी और वे मंतातरण का आरोप लगा रहे थे। उनका विरोध करने के बाद उन्होंने हमला शुरू कर दिया था।
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बताया जा रहा है कि इस हमले में दो लोग घायल हो गए हैं। घटना के विरोध में ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा दो घंटे धरना प्रदर्शन भी किया गया। ईसाई वर्ग द्वारा हमलावारों पर धर्म ग्रंथ बाइबिल की बेअदबी करने का आरोप भी लगाया गया है। इनकी मांग है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने पर धारा 295A और उनके अंग फाड़ने पर धारा 307 लगाने की तर्ज पर ही निहंग हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
वहीं, घटना की सूचना मिलने पर एसएसपी (ग्रामीण) सतिंदर सिंह, एसपी जुगराज सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे। पुलिस का कहना है कि आरोपितों की पहचना के साथ एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही घटना की जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष, 2022 में भी तरनतारन जिले में एक चर्च पर हमला सामने आया था जिसमें पादरी की कार को आग लगा दी गई थी। पंजाब में जबरन धर्मांतरण के मामले बढ़ने के साथ ही ऐसी घटनाएं सामने आ रही है। जिसमें निहंगों का आरोप है कि ईसाई सिखों की वेशभूषा में प्रचार करते हैं जिससे उन्हें ऐतराज है।
विगत कुछ समय से पंजाब में ईसाई मतांतरण अपने चरम पर बताया जा रहा है। ये कुछ वैसी ही स्थिति है जैसे 1980 और 1990 के दशक में तमिलनाडु जैसे राज्यों में देखी गई थी। अमृतसर और गुरदासपुर जैसे जिलों में 600 से 700 चर्च हो चुकी हैं जो ईसाई परंपरा से जुड़ी हुई हैं। लोगों का कहना है कि इनमें से 60-70 प्रतिशत चर्च पिछले पाँच सालों में सामने आई हैं।