राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (NIA) ने एल्गार परिषद माओवादी सम्बन्ध मामले में साल 2018 में गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय को बताया है कि वे गुलाम नबी फई के सम्पर्क में थे।
गुलाम नबी फई जिन पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगता रहा है, उन्हें वर्ष 2011 में अमेरिका की खुफिया एजेन्सी FBI ने आईएसआई (ISI) और पाकिस्तान से पैसे लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
NIA ने बीते सोमवार (20 फरवरी, 2022) को बॉम्बे उच्च न्यायालय में दर्ज अपने हलफनामे में कहा है कि गौतम नवलखा ने ISI ऑपरेटिव फई के लिए अमेरिकी अदालत में मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को पत्र भी लिखा था।
एजेन्सी का कहना है कि गौतम नवलखा ने ऐसे कार्य किए जिनका राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता और संप्रभुता पर सीधा प्रभाव पड़ा है।
ISI के सम्पर्क में थे नवलखा
NIA के वकील संदीप पाटिल ने न्यायमूर्ति गडकरी और न्यायमूर्ति नाइक की पीठ को बताया कि गुलाम नबी फई द्वारा अमेरिका में आयोजित ‘कश्मीरी अमेरिकी परिषद सम्मेलन’ को सम्बोधित करने के लिए नवलखा तीन बार अमेरिका भी गए थे।
संदीप पाटिल ने न्यायालय को यह भी बताया है कि गुलाम नबी फई ने गौतम नलवखा को ISI प्रमुख से भी मिलवाया था। यह साफ तौर पर बताता है कि नवलखा के सम्बन्ध ISI से हैं। इसके अलावा भी नवलखा ने कश्मीर, अलगाववादी और माओवादी आन्दोलनों से जुड़े मुद्दों पर विभिन्न मंचों और कार्यक्रमों में भाषण दिए हैं।
बता दें कि गौतम नवलखा की स्वास्थ्य सम्बन्धी चिन्ताओं के कारण जेल की बजाय घर में नजरबन्द हैं।
नवलखा और हिजबुल मुजाहिद्दीन कनेक्शन
भीमा कोरोगांव हिंसा के आरोपी गौतम नवलखा पर यह भी आरोप है कि उनके सम्बन्ध हिजबुल मुजाहिद्दीन से भी रहे हैं। समाचार एजेन्सी एएनआई के अनुसार पुणे पुलिस ने 24 जुलाई, 2019 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष साक्ष्य रखते हुए कहा था कि गौतम नवलखा कश्मीरी अलगाववादियों समेत हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े लोगों के साथ सम्पर्क में थे।
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