सोमवार 10 जुलाई को दिल्ली की (NIA) अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन (IM) के चार आतंकियों को वर्ष 2012 के एक मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश में शामिल होने के संबंधित मामले में दोषी ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन देशभर में आतंकी हमले करवा रहा है। इस मामले में आरोपित अन्य सात आतंकियों के खिलाफ भी कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही कोर्ट में सुनवाई पूरी होने पर उन्हें भी दोषी ठहराया जा सकता है।
इस मामले को लेकर विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मालिक ने चार आरोपियों (दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान) को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां के तहत दोषी ठहराया।
इससे पहले अप्रैल माह में NIA की विशेष अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल के खिलाफ भी मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया था। इस बार अदालत ने यह कहते हुए आदेश पारित किया कि आरोपियों ने सात जुलाई को अपना दोष स्वीकार कर लिया है।
इससे पूर्व राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया था कि मोहम्मद दानिश अंसारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का एक प्रमुख संचालक है। दानिश को इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक यासीन भटकल का करीबी सहयोगी भी कहा जाता है। दानिश को 2013 में एनआईए द्वारा दरभंगा में गिरफ्तार किया गया था।
उल्लेखनीय है कि NIA ने सितंबर 2012 में धारा 121 ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने) और धारा 123 ए (युद्ध छेड़ने की योजना को छिपाने) के तहत एक मामला दर्ज किया था। जिसमे यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसा जुटाना), धारा 18 (आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश), धारा 18 ए (आतंकवादियों के शिविरों का आयोजन करना) धारा 18 बी (आतंकवादी वारदात के लिए लोगों की भर्ती करना) और धारा 20 ( आतंकी संगठन का सदस्य होने) के तहत भी आरोपी बनाया गया था।
अब NIA की विशेष अदालत बुधवार 12 जुलाई को चारों दोषी आतंकियों के खिलाफ सजा सुनाएगी।
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