नेपाल में हुए संसदीय और प्रांतीय चुनावों में मतगणना जारी है। रुझानों के मुताबिक संसदीय चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ नहीं दिख रहा है। अभी तक सभी सीटों के परिणाम सामने नहीं आए हैं और मतगणना जारी है।
अब तक के रुझानों से पता चलता है कि नेपाल त्रिशंकु संसद की ओर बढ़ रहा है। नेपाल के स्थानीय मीडिया के अनुसार चुनाव पूर्व गठबंधनों में से कोई भी गठबंधन 275 सीटों वाले सदन में सरकार बनाने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत या 138 सीटों के आँकड़े को पार नहीं कर पाएगा।
ताजा रुझान
आपको बता दें प्रधानमंत्री देउबा की नेपाली कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन 118 में से 65 सीटों पर जीत हासिल कर बढ़त हासिल कर चुका है। इसमें दहल प्रचंड की सीपीएन (माओवादी सेंटर) भी शामिल है। वहीं मुख्य विपक्ष के नेता पूर्व प्रधानमंत्री ओली भी पुष्प कमल दहल प्रचंड के सहारे प्रधानमंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
ज्ञात हो कि 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से चुने जाएंगे। जबकि, शेष 110 आनुपातिक निर्वाचन प्रणाली के माध्यम से चुने जाएंगे।
किसी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए 138 सीटों की जरूरत होती है।
नेपाली कॉन्ग्रेस पार्टी प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली के जरिये अकेले 41 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है।
वहीं इसके सहयोगी दलों- दहल प्रचंड की सीपीएन (माओवादी सेंटर) और सीपीएन-यूनीफाइड सोशलिस्ट ने क्रमश: 12 और 10 सीटें जीती हैं। लोकतांत्रिक समाजवादी और राष्ट्रीय जनमोर्चा को क्रमश: 2 और 1 सीट मिली है। यह सभी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं।
दूसरी ओर, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन के खाते में अभी तक 37 सीटें हैं।
सीपीएन-यूएमएल ने 30 सीटों पर जीत हासिल की है।
सीपीएन-यूएमएल के सहयोगी दल राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी – ने क्रमशः पांच और तीन सीटों पर कब्ज़ा कर लिया है
इस चुनाव में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने 7 सीटों पर जीत हासिल की है।
ओली सरकार की वापसी ?
काठमांडू पोस्ट के अनुसार इसी बीच सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सीपीएन (माओवादी सेंटर) के प्रमुख पुष्प कमल दहल को फोन किया और साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया।
ओली ने सुझाव दिया कि दोनों शीर्ष नेता अपनी पिछली कड़वाहट को भूल जाएं और देश का नेतृत्व करने के लिए एक नई साझेदारी करें।
आपको बता दें, चुनावों से पहले, यूएमएल ने एक दावा किया था कि वह फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट और आनुपातिक प्रतिनिधित्व चुनावों में लगभग 150 सीटें जीतेगी। लेकिन अभी तक के चुनाव परिणाम में यूएमएल ने संघीय संसद में सिर्फ 30 एफपीटीपी सीटें जीती हैं हालाँकि पार्टी आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत मतगणना में बढ़त बनाए हुए है।
अब तक के चुनाव परिणामों में सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत की ओर है लेकिन किसी एक दल को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। इसी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री ओली सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पुष्प दहल प्रचंड के साथ बातचीत बनाए हुए हैं। कहीं न कहीं ओली भी भविष्य की संभावनाओं पर नज़र बनाये हुए हैं। पूरे देश से नतीजे आने में अभी कुछ और दिन लगेंगे।